-दुकानों के बाहर मदिरा पीने और पिलाने वालों के विरूद्ध होगी सख्त कार्रवाई,चण्डीगढ़, हरियाणा और पंजाब बार्डर पर रखी जाये कड़ी निगरानी
- REPORT BY:ATUL TIWARI
- EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS
लखनऊ:उत्तर प्रदेश के आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने कहा कि आबकारी विभाग को फेस्टिवल सीजन में और अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। इस त्योहारी मौसम में अवैध शराब के निर्माण, बिक्री एवं तस्करी के विरुद्ध लगातार प्रवर्तन कार्यवाही जारी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा अनाधिकृत रूप से मदिरा की दुकानों के बाहर पीने और पिलाने वालों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाये।आबकारी मंत्री ने यह निर्देश आज यहां गन्ना संस्थान में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि माह सितम्बर में 3246.67 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व प्राप्त हुआ है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 22563.15 करोड़ रुपये की प्राप्तियॉं हुई है, जबकि इस माह तक गत वर्ष की प्राप्तियांॅ 20226.55 करोड़ रुपये थी। उन्होंने राजस्व प्राप्ति में अधिकत्म उपलब्धि प्राप्त करने वाले मिर्जापुर, अयोध्या तथा वाराणसी प्रभार के अधिकारियों की प्रसंशा की और न्यूनत्म उपलब्धि वाले बस्ती, गोरखपुर एवं आजमगढ़ प्रभार के अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए आगामी माह में शत-प्रतिशत राजस्व अर्जित करने के निर्देश भी दिये।
आबकारी मंत्री ने कहा कि अवैध शराब की तस्करी को रोकने के लिए चण्डीगढ़, हरियाणा और पंजाब बार्डर के पोस्ट को और अधिक सक्रिय किया जाये। किसी भी दशा में अन्य राज्यों से प्रदेश में अवैध मदिरा नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रर्वतन की टीमों को जिलों में भेजकर मदिरा की दुकानों का औचक निरीक्षण करायें। इसमें जी0एस0टी0 टीम का भी सहयोग प्राप्त किया जाये। कच्ची शराब पर पूरी तरह प्रतिबंध लगे, इसके लिए लगातार सघन तलाशी अभियान भी चलाया जाये।
प्रमुख सचिव, आबकारी वीना कुमारी ने बताया कि सितम्बर माह में आबकारी टीम द्वारा 78848 छापे मारे गये और 227957 लीटर अवैध शराब पकड़ी गई। इसमें लिप्त 330 व्यक्तियों को जेल भेजा गया है। इस प्रकार वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 463947 छापे मारे गये हैर 1434083 लीटर अवैध शराब पकड़ी गई है। तस्करी में उपयोग 118 वाहन जब्त करते हुए 5555 अभियुक्तों को जेल भेजा गया है।बैठक में अपर आबकारी आयुक्त (प्रशासन) ज्ञानेश्वर त्रिपाठी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे और जनपदों के अधिकारी वर्चुअल जुड़े रहे।