-परीक्षण में दो बार फेल एचटी केबल कंपनी पर कौन मेहरबान
- REPORT BY:PREM SHARMA
- EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा है कि जहां एक तरफ पश्चिमांचल में और मध्यांचल में एरियल बच कंडक्टर की घटिया क्वालिटी का खुलासा हुआ था।वही अब पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में आरडीएसएस द्वारा जारी स्टैंडर्ड बिल्डिंग गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए एक नामी गिरामी कंपनी जो देश में कई जगह वितरण का भी काम देख रही है को 11 केबी एचटी केबल पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में दो बार निरीक्षण परीक्षण में फेल होने के बावजूद तीसरी बार उसे पास करा दिया। जबकि भारत सरकार की स्टैंडर्ड बिल्डिंग गाइड लाइन में यह व्यवस्था है कि यदि कोई भी मटेरियल दूसरी बार फेल होगा तो उसे वेंडर को पूरा आर्डर आरडीएसएस प्रोजेक्ट से कैंसिल कर दिया जाएगा। यही नही वह वेंडर कभी भी आरडीएसएस प्रोजेक्ट में काम नहीं करेगा। फिर पश्चिमांचल में ऐसा क्यों नहीं किया गया। उपभोक्ता परिषद ने आज जब पूरे प्रदेश में आरडीएसएस योजना के तहत लगाये जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर की योजना के बारे में उपभोक्ताओं से जानकारी ली तो पता चला कि पूरे उत्तर प्रदेश में भारत सरकार की गाइडलाइन के तहत 5 प्रतिशत जो उपभोक्ताओं के घर में पुराने मीटर लगे हैं उन्हें चेक मीटर मानकर स्थापित रखना है। लेकिन ज्यादातर उपभोक्ताओं के परिसर में बिना चेक मीटर के केवल स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा दिए जा रहे हैं। इसकी सच्चाई जानने के लिए उपभोक्ता परिषद ने आज राजधानी लखनऊ में स्वयं जाकर देखा। स्मार्ट मीटर लगा रही टीन ने उपभोक्ता परिषद से कहा कि उन्हें कोई जानकारी नही, वह लगातार केवल पुराने मीटर उतार कर नया स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा रहे हैं। यही उनको आदेश दिया गया है।तत्काल हमने इसकी सूचना मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के निदेशक कमर्शियल योगेश कुमार व पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार को देते हुए कहा है कि यह गाइडलाइन के खिलाफ है। जिस पर पावर कास्टिंग के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने कहा कि जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी।