-शासनादेश की भी अफसरों को नहीं है परवाह, तैनाती प्रयागराज में लखनऊ में कर रहा कार्य
-मन मुताबिक करवा ली तैनाती, सौप दिए गये महत्वपूर्ण कार्य
-
REPORT BY:AAJNATIONAL NEWS DEASK || EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS
लखनऊ। जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय लखनऊ में बीते बीस वर्ष से शासनादेश के बिपरीत प्रधान आबकारी सिपाही परशुराम तैनात है। तमाम शिकायतों और मनमानी के बाद भी आबकारी विभाग के अफसर उसे हटा नहीं पा रहे है। यही नहीं प्रधान आबकारी सिपाही परशुराम विभाग में सीनियर लोगो के होते हुए कार्यालय के महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम दे रहा है। जबकि उससे नियमों के मुताबिक फील्ड के काम लिए जाने चाहिए।अपने को एक सत्ताधारी नेता का करीबी बताने वाले प्रधान आबकारी सिपाही पर इतनी मेहरबानी क्यों लुटाई जा रही है,इसको लेकर लोग आबकारी विभाग और उसके अफसरों पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहे है। जबकि आदेश है कि एक जिले में केवल तीन वर्ष ही किसी भी कार्मिक की तैनाती की जाती है। सूत्र बताते है कि प्रधान आबकारी सिपाही की तैनाती प्रयागराज राज में है और उसे अवैध तरीके से आबकारी अफसरों ने लखनऊ जिला आबकारी अधिकारी के कार्यालय में अटैच कर रखा गया है। यही नहीं उसे अकेजनल बार और शराब के थोक और फुटकर कार्यों को भी सौप रखा गया है। जबकि विभाग में तमाम बाबू इस तरह के है जिनके पास कार्य ही नहीं है लेकिन उनसे इन कार्यों को नहीं कराया जा रहा है। प्रधान आबकारी सिपाही परशुराम की नियमों के बिपरीत बीस वर्षो से लखनऊ कार्यालय में तैनाती आख़िरकार ईमानदार आबकारी अफसरों को क्यों दिख नहीं रही है। सूत्र बताते है कि प्रधान आबकारी सिपाही परशुराम बीते बीस वर्षो से अफसरों की कमाई का जरिया बना हुआ है।
सम्पत्तियों की जाँच हो तो हो सकता बड़ा खुलासा
लोगो का और सूत्रों का मानना है कि शासनादेश के बिपरीत बीते वर्षो से लखनऊ में तैनात प्रधान आबकारी सिपाही की यदि सम्पत्तियों की जाँच कराई जाये तो बड़ा खुलासा सामने आने की उम्मीद है। लेकिन इस ओर आबकारी विभाग का कोई भी अफसर देख नहीं रहा है। चर्चा है कि आबकारी विभाग में प्रधान आबकारी सिपाही परशुराम की लखनऊ में तैनाती के लिए सारे नियम कानूनों को अफसरों ने ताक पर रख दिए है।