-लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए मतदाता बीजेपी को देंगे पटखनी-अंगारा
- REPORT BY:K.K.VARMA||EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS
लखनऊ ।संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए एनडीए सरकार को हटाना जरूरी हो गया है। देश और प्रदेश के विकास और आमजन का हित भाजपा शासन में नामुमकिन है। मिल्कीपुर के चुनाव नतीजे से विधानसभा में बहुत कुछ अंतर नहीं होने वाला है लेकिन जनता बीजेपी को हराकर मैसेज बड़ा देने वाली है।मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव जानबूझकर टाला गया लेकिन पब्लिक सब जानती है।
यह बयान देते हुए राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष रविंद्र कुमार श्रीवास्तव’अंगारा’ ने कहा कि बीजेपी को पराजित करने के लिए राष्ट्रीय जनता दल का समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को खुला समर्थन है। राष्ट्रीय जनता दल उप्र मिल्कीपुर में चूनाव नहीं लड़ेगा लेकिन भाजपा को हराने के लिए अपना समर्थन समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को देने के साथ ही पार्टी कार्यकर्ता मिल्कीपुर क्षेत्र में घर-घर पहुंचेंगे और सपा प्रत्याशी को जिताने की अपील करेंगे। उन्होंने कहा, भाजपा प्रदेश में आरजकता का माहौलबनायें हुए है। संविधान और लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर राजतंत्र और तानाशाही का माहौल बना रखा है। हर नागरिक परेशान है, कोई तबका खुश नहीं है। किसान ,बेरोजगार ,व्यापारी और विद्यार्थी सब शोषण के शिकार हैं।राजद देश को लोकतंत्र और संविधान को सुरक्षित रखने केलिए तथा तानाशाही और राजतंत्रीय व्यवस्था तथा लोगों के भय को समाप्त करने के लिए, समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन कर इंडिया गठबंधन को मजबूत कर भाजपा को हराने का काम करेगा।
पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविन्द्र कुमार श्रीवास्तव अंगारा ने राष्ट्रीय जनता दल कार्यकर्ताओं को सपा को जिताने का निर्देश दिया है। इससे इंडिया गठबंधन को बल मिलेगा।श्री अंगारा ने कहा कि सपा को बिन मांगे समर्थन लोकतंत्र और संविधान की सुरक्षा के लिए है। बीजेपी की हार तय है। 2022 के चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जैसे जन समर्थन से बीजेपी को मिल्कीपुर की जनता ने पराजय का मजा चखाया था,वैसे ही भारी मार्जिन से इस उपचुनाव में भी बीजेपी को मतदाता हरायेगे।
मिल्कीपुर : बीजेपी का अभी पत्ता बंद,लगी टिकट पाने की होड़,सपा ने सांसद अवधेश प्रसाद के पुत्र अजित प्रसाद को उतारा मैदान में
समाजवादी पार्टी ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिये अपने प्रत्याशी का ऐलान पहले ही कर दिया है। सपा जहाँ अपना पत्ता खोल जनता के बीच उतर चुकी हैं वही बीजेपी का पत्ता अभी बंद है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रदेश सरकार के कई मंत्री मिल्कीपुर में अपनी ताकत झोंक चुके हैं। उम्मीदवार का ऐलान भले अभी नही हुआ लेकिन मुख्यमंत्री खुद करीब आधा दर्जन दौरे कर चुके हैं। बीजेपी ने मिल्कीपुर को प्रतिष्ठा का सवाल मान लिया है। उधर सपा भी अपनी सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए जी जान से लगी है। नतीजा तो वोटर05 फरवरी को ईवीएम का बटन दबाकर सुनायेंगे। मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा के साथ भाजपा में टिकट को लेकर होड़ मच गई। टिकट के लिए दर्जन भर से ज्यादा दावेदार है लेकिन भाजपा कुछ नया भी कर सकती है।पार्टी स्तर पर प्रत्याशी चयन को लेकर मंथन जारी है। मिल्कीपुर सीट पर 5 फरवरी को मतदान होगा। टिकट की दौड़ में पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा सबसे आगे हैं। गोरखनाथ 2017 में इस सीट से विधायक रह भी चुके हैं।2022 में वह हार गए थे। नौकरशाह व उप परिवहन आयुक्त सुरेंद्र रावत भी दावेदारों में हैं।ये पिछली बार भी दौड़े मगर टिकट नही पा सके थे। संगठन और सरकार के कई नेता मिल्कीपुर में गैरविवादित चेहरे के पक्षधर हैं। पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी भी दावेदार हैं। 1991 में सोहवल से विधायक रहे हैं और 2012 में भाजपा ने इन्हें मिल्कीपुर से चुनाव लड़ाया था, लेकिन हार गए थे।
पार्टी संगठन में रहे राधेश्याम त्यागी भी दावेदार हैं। प्रदेश अनुसूचित मोर्चा के कोषाध्यक्ष चंद्रकेश रावत भी चर्चा में है। हाल में नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने सात सीटें जीती हैं। मिल्कीपुर से सटे अंबेडकरनगर की कटेहरी और मुरादाबाद की कुंदरकी सीट पर जीत से भाजपाई बहुत उत्साहित हैं। लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट हार चुकी भाजपा के लिए मिल्कीपुर सीट जीतना अहम है।टिकट के दावेदारों में चंद्रभानु पासवान, पूर्व ब्लाक प्रमुख विनय कुमार रावत, सियाराम रावत, विजय बहादुर फौजी, काशीराम पासी, शांति पासी और बाराबंकी की जिला पंचायत सदस्य नेहा आनंद सिंह ने भी हैं। बीजेपी हाईकमान का फैसला किसके पक्ष में आयेगा, इसका सबको इंतजार है।