-बिजली निजीकरण की प्रक्रिया को भूलकर उपभोक्ता का ध्यान दे कारपोरेशन
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REPORT BY:A.S.CHAUHAN || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के मुखिया ने 25 नवम्बर संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर जोर-जोर से दक्षिणांचल व पूर्वांचल बिजली कंपनियों के निजीकरण के लिए पीपीपी मॉडल का ऐलान किया लगभग 2 माह से ज्यादा बीत गया पावर कॉरपोरेशन अभी तक यह नहीं समझ पा रहा है कि ट्रांजैक्शन एडवाइजर कैसे रखा जाए रोज उसमें बदलाव किया जाता है। उपभोक्ता परिषद जनहित में प्रदेशहित में पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन से मांग करना चाहता है कि वह इस निजीकरण की प्रक्रिया को भूलकर प्रदेश के 3 करोड़ 45 लाख विद्युत उपभोक्ताओं की उपभोक्ता सेवा में सुधार की तरफ ध्यान दें। क्योंकि कोई भी मसौदा जिसका पूरा वित्तीय व तकनीकी लेखा-जोखा एक बार जब लिखित रूप में सामने आ जाए जैसा की एनर्जी टास्क फोर्स की बैठक में 5 दिसंबर 2024 को एक लिखित मसौदा जारी हुआ उसके बाद उसकी कमियों का खुलासा हो गया। फिर वह किसी भी वाणिज्य संस्थान के लिए बहुत मुश्किल होता है कि वह दूसरे वित्तीय व तकनीकी अलग आंकड़ों पर निजीकरण को आगे बढ़ाये आने वाले समय में यह सीएजी ऑडिट का बड़ा मामला बनेगा। इसलिए अब पावर कारपोरेशन को सरकारी क्षेत्र में ही बिजली कंपनियों को आगे बढ़ने पर जोर देना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने पावर कॉरपोरेशन व सरकार से मांग उठाई है कि बिजली क्षेत्र में सुधार करने के लिए उपभोक्ता परिषद ने पूरा मसौदा तैयार कर लिया है पावर कॉरपोरेशन व सरकार जब चाहे तो बिजली निगमो में सुधार की पूरी रूपरेखा पर खुली चर्चा करने के लिए तैयार है। उपभोक्ता परिषद किसी भी चर्चा में बिजली कंपनियों के सुधार पर व्यापक मसौदा पेश करने को तैयार है। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा किसी भी बिजली निगम की असफलता व सफलता के लिए उस निगम के अध्यक्ष प्रबंध निदेशक अभियंता से लेकर संविदा कार्मिक तक है जिम्मेदार ऐसे में यदि उन पर कार्यवाही की बात तो सभी पर ऊपर से नीचे तक होनी चाहिए करवाई।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा पिछले 2 महीने से जिस प्रकार सभी बिजली कंपनियों मे अभियंता कार्मिक अपने भविष्य को लेकर संवैधानिक तरीके से आंदोलन है निश्चित तौर पर कहीं ना कहीं उसका प्रभाव किसी न किसी रूप में उपभोक्ता सेवा पर भी पड़ता है जो प्रदेश के हित में बिल्कुल नहीं है ऐसे में उपभोक्ता सेवा में कहीं कोई व्यवधान न पड़े उसमें व्यापक तैयारी हो क्योंकि एक महीने बाद गर्मी का मौसम शुरू होने वाला है ऐसे में बिजली कंपनियों में सिस्टम इंप्रूवमेंट के कार्य को भी व्यापक तौर पर आगे बढ़ना जरूरी है क्योंकि गर्मी आते ही बिजली व्यवस्था चरमराने लगती है और जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ता है इसलिए अब निजीकरण के मामले को अलग रखकर ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के लिए आगे बढ़ना जरूरी है।
विधायक ओ. पी. श्रीवास्तव ने गरीब और जरूरतमंदों को बाँटे कंबल
लखनऊ पूर्वी विधानसभा में रहने वाले गरीब और जरूरतमंद लोगों को सर्दी से बचाव के लिए विधायक ओ.पी. श्रीवास्तव ने आज कंबल वितरित किये। कंबल लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे। सभी को बारी-बारी से कंबलों का वितरण किया गया।
रविंद्र पल्ली स्थित कालीबाड़ी मंदिर परिसर में और रविंद्र पल्ली में ही फॉर्मेटिव डे स्कूल में करीब 400 से अधिक गरीब और जरूरतमंद लोगों को कंबल का वितरण किया गया। कालीबाड़ी मंदिर में श्रीमती अर्चना दत्ता, शांतनु दत्ता समेत बंगाली समाज के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे। मंडल अध्यक्ष अभिषेक राय, रीना चौरसिया, भाजपा नेता संदीप पाठक, देवेश उपाध्याय, अध्ययन सिंह सैनी, शशांक शेखर गोल्डी, आशीष तिवारी, संत शरण वर्मा आदि भी मौजूद रहे। उधर फॉर्मेटिव डे स्कूल में मंडल अध्यक्ष अभिषेक राय की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद रहे।