LUCKNOW:यूपी की विधानसभा देश की उत्कृष्ट विधायिका -महाना

-विधायिका की गरिमा के लिए उसके महत्व को समझना अनिवार्य,सफलतापूर्वक संपन्न हुआ बजट सत्र

-लखनऊ में होगा संसदीय सम्मेलन, मेजबानी करेगा उत्तर प्रदेश,पर्यावरण एवं युवा विषयक संसदीय समिति के गठन का प्रस्ताव

  • REPORT BY:AAJ NATIONAL NEWS || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK 
लखनऊ । विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि उत्तर प्रदेश की विधानसभा देश में एक उत्कृष्ट विधायिका के रूप में स्थापित हो रही है। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विशेष योगदान रहा है। चाहे अवस्थापना विकास हो या प्रक्रियात्मक सुधार, उत्तर प्रदेश विधानसभा ने अग्रणी भूमिका निभाई है।
विधानभवन के प्रेक्षागृह में आज मीडिया से मुखातिब स्पीकर सतीश महाना ने बताया कि पूर्व में विधायकों के समूह बनाकर संवाद कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है। अब आगामी समय में एक विशेष ‘संवाद कार्यक्रम’ होगा, जिसमें विधायक साझा करेंगे कि उन्होंने बीते वर्षों में अपनी विधानसभा के विकास के लिए क्या-क्या कार्य किए और किस प्रकार उनकी सकारात्मक छवि निर्मित हुई। इससे विधायकों का आत्मविश्वास बढ़ेगा।  उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के युवा विधायकों का सम्मेलन भी लखनऊ में होगा।
सम्मेलन कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन सीपीए इंडिया रीजन के तत्वावधान में संपन्न होगा। इससे पूर्व कानपुर में उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड की महिला विधायकों का सम्मेलन हो चुका है। सीपीए इंडिया रीजन के ज़ोन-1 में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को सम्मिलित किया गया है।श्री महाना ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का हाल  में संपन्न हुआ बजट सत्र अत्यंत सफल रहा। यह सत्र लंबी अवधि तक चला और इसमें न्यूनतम व्यवधान हुए।
इस दौरान राज्यपाल के अभिभाषण एवं बजट पर  298 विधायकों ने अपने विचार व्यक्त किए। सत्ता पक्ष एवं विपक्ष, दोनों का योगदान सराहनीय रहा। बीते तीन वर्षों में केवल दो अवसरों पर  सदन स्थगित किया गया। सदन में जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई, जिससे यह प्रमाणित होता है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा, पूरे देश के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।
श्री महाना ने बताया कि पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन उत्तर प्रदेश में आयोजित करने हेतु विधानसभा की ओर से अनुरोध किया गया है। अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का  सम्मेलन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, जिसमें देशभर की विभिन्न विधायिकाओं के अध्यक्ष, सभापति एवं सचिव भाग लेते हैं। उत्तर प्रदेश में इस सम्मेलन के आयोजन हेतु मुख्यमंत्री से विमर्श किया गया है और शीघ्र ही लोकसभा द्वारा इसकी तिथि निर्धारित की जाएगी।उत्तर प्रदेश विधानसभा में संसदीय समितियों को अधिक सशक्त बनाने की प्रक्रिया जारी है। इसके अंतर्गत युवा और पर्यावरण से संबंधित विषयों पर चर्चा हेतु  विशेष संसदीय समिति गठित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। शासन से विमर्श के उपरांत शीघ्र ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पर्यावरण संरक्षण अत्यंत आवश्यक है, इसलिए इस विषय पर विशेष समिति के गठन का प्रस्ताव रखा गया है विधानसभा एक विशेष हैंडबुक प्रकाशित करने की योजना बना रही है, जिसमें विधायिका की संपूर्ण जानकारी होगी। इसका उद्देश्य आम जनता को विधायिका की कार्यप्रणाली एवं महत्व से अवगत कराना है, ताकि लोकतंत्र की नींव और अधिक सशक्त हो सके। वर्तमान संसदीय लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियां विद्यमान हैं, जिनका समाधान आवश्यक है। विधायिका की गरिमा को बनाए रखने के लिए उसके महत्व को समझना अनिवार्य है। इसी दृष्टि से उत्तर प्रदेश विधानसभा में अनेक नवाचार किए गए हैं, जिनमें क्षेत्रीय भाषाओं का प्रयोग भी शामिल है। उत्तर प्रदेश विधानसभा निरंतर विधायी प्रक्रियाओं को अधिक सुदृढ़ एवं प्रभावी बनाने की दिशा में अग्रसर है, जिससे लोकतंत्र की मूल भावना को सुदृढ़ किया जा सके।

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