LUCKNOW:वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण को लेकर बैठक के निर्देश,क्लिक करें और भी खबरें

-विधानसभा स्तर पर 15 मार्च से पहले, जनपद स्तर पर 17 से 21 मार्च के बीच और राज्य स्तर पर 18 मार्च को होंगी बैठक 

  • REPORT BY:K.K.VARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK 

लखनऊ ।भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के क्रम में मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने प्रदेश के  जिला निर्वाचन अधिकारियों तथा निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के निरन्तर पुनरीक्षण के अन्तर्गत मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजनैतिक दलों के साथ बैठक किये जाने के निर्देश दिये हैं।मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि बैठक में मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजनैतिक दलों द्वारा निर्वाचक नामावलियों एवं वर्तमान में गतिमान निरन्तर पुनरीक्षण से सम्बन्धित उठाए गए बिन्दुओं पर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी समीक्षा करेंगे तथा नियमानुसार कार्यवाही होगी। विधानसभा स्तर पर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों द्वारा मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ 15 मार्च  से पूर्व बैठक किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।  जनपद स्तर पर जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा 17 मार्च से 21 मार्च के मध्य मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजनैतिक दलों की बैठक आयोजित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।राज्य स्तर पर  मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजनैतिक दलों की बैठक 18 मार्च को की जाएगी, जिसमें सम्प्रति चल रहे विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के निरन्तर पुनरीक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत विविध गतिविधियों के बारे में चर्चा की जाएगी।

-पर्यटन विभाग की 26408.72 लाख की 148 परियोजनायें लोकार्पण के लिए तैयार-जयवीर

-मुख्यमंत्री सहभागिता योजना, ईको टूरिज्म, राज्य सेक्टर व जिला सेक्टर की परियोजनायें शामिल

पर्यटन विभाग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के विभिन्न जनपदों में पर्यटन विकास परियोजनाये संचालित कर रहा है। प्रयास है कि परियोजनाओं को समयबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ पूरा कराकर आम जनता को समर्पित कर दिया जाए। पर्यटन विभाग द्वारा 26408.72 लाख रूपये की 148 योजनाए पूरी कराकर लोकार्पण के लिए तैयार हैं। यह परियोजनायें प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित हैं। प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री  जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य योजना के तहत 122 परियोजनायें पूरी हुई है जिस पर 23833.40 लाख रूपये की धनराशि व्यय की गयी है।  जिला योजना के अंतर्गत 423.30 लाख रूपये की 18 परियोजनायें पूरी कराई गयी है, जो लोकार्पण के लिए तैयार है। ईको टूरिज्म योजना को लोकप्रिय बनाकर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पीलीभीत, बिजनौर, चन्दौली तथा रायबरेली में 612.64 लाख रूपये की परियोजनायें पूरी कराई गयी है। मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अंतर्गत आगरा की 04 परियोजनायें पूरी की गयी है, जिस पर 1538.38 लाख रूपये की लागत आई है।कुल 26408.72 लाख रूपये की परियोजनायें लोकार्पण के लिए तैयार है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि 122 परियोजनाओं में कुछ परियोजनायें वित्तीय वर्ष 2021-22 तथा 2022-23, 2023-24 में शुरू की गयी थी, जिला योजना की 18 परियोजनायें 2022-23 तथा 2023-24 में शुरू की गयी थी। ईको टूरिज्म की 04 योजनायें वित्तीय वर्ष 2022-23 में शुरू की गयी थी तथा मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अंतर्गत आगरा की 04 परियोजनायें वित्तीय वर्ष 2023-24 में शुरू कराई गयी थी। इन योजनाओं का लगातार स्थलीय निरीक्षण कराकर कार्यदायी संस्थाओं से निर्धारित समय में पूरा करने के निर्देश दिये गये थे, जिसके फलस्वरूप यह परियोजनायें लोकार्पण के लिए तैयार है। पर्यटन सेक्टर पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है। यूपी का धार्मिक पर्यटन वैश्विक मंच पर  छाप छोड़ रहा है। देश विदेश से सैलानी यूपी की ओर आकर्षित हो रहे हैं। पर्यटकों को उच्चस्तरीय अवस्थापना सुविधा तथा कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए राज्य सरकार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल मार्गदर्शन में परियोजनाओं को पूरा कराने में लगी हुई है।

फूलों की होली के साथ ’लघु खादी एवं ग्रामोद्योगी प्रदर्शनी ’ का समापन,अधिक से अधिक लोगों को खादी से जोड़ा जा रहा है- डॉ. उज्ज्वल कुमार

उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा होली के अवसर पर 5 मार्च से 10 मार्च तक खादी भवन, डालीबाग, लखनऊ में आयोजित लघु खादी एवं ग्रामोद्योगी प्रदर्शनी का समापन हो गया। प्रदर्शनी के अंतिम दिन फूलों की होली खेली गई।प्रदर्शनी में 49 से अधिक स्टॉल लगाए गए, जिनमें हर्बल गुलाल, विभिन्न प्रकार के पापड़, बरी, नमकीन, शहद, आंवला से बने उत्पाद, खादी चादर, गमछे, तौलिये, कुर्ता-पैजामा, गुजराती, रेशम एवं सिल्क की साड़ियां तथा हस्तकला उत्पाद शामिल रहे। छह दिवसीय इस प्रदर्शनी में खादी तथा ग्रामोद्योग इकाइयों ने 50.17 लाख रुपये की बिक्री दर्ज की।
समापन समारोह में बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. उज्ज्वल कुमार ने प्रतिभागी इकाइयों को प्रमाण पत्र वितरित किए तथा उत्कृष्ट प्रदर्शन एवं बिक्री के आधार पर तीन उद्यमियो,इकाइयों को पुरस्कृत किया। ग्रामोदय संस्थान, सीतापुर खादी 3,03,025 प्रथम
श्री गुरुकृपा महिला स्वरोजगार ग्रामोद्योग संस्थान, मेरठ ग्रामोद्योगी 2,92,100 द्वितीय जानकी देवी खादी ग्रामोद्योग सेवा संस्थान, लखीमपुर खादी 2,56,100 रूपये  तृतीय पुरस्कार मिला है।मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. उज्ज्वल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार अधिक से अधिक लोगों तक खादी का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है, जिससे लोग खादी से जुड़े। बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं को जनसामान्य तक पहुँचाना एवं लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना प्राथमिक उद्देश्य है, जिससे प्रदेश में अधिक से अधिक इकाइयों की स्थापना हो और खादी व ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री बढ़े।प्रदर्शनी में आगंतुकों और उद्यमियों के प्रति आभार व्यक्त करने के बाद समापन की घोषणा की गई। इस अवसर पर संयुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी सिद्धार्थ यादव, वरिष्ठ संयुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी एन.पी. मौर्य, वित्तीय सलाहकार मानवेन्द्र सिंह सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

पीएम गति शक्ति कार्यशाला,उत्तर प्रदेश को लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पीएम गति शक्ति मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए राष्ट्रीय मास्टर प्लान के प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कार्यशाला का आयोजन किया गया,जिसकी  अध्यक्षता विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री  अनिल कुमार ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव श्री पंधारी यादव, तथा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार ने कहा कि पीएम गति शक्ति योजना उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास के लिए  क्रांतिकारी पहल है। इस योजना के माध्यम से विभिन्न विभागों और मंत्रालयों को एकीकृत कर परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाई जा रही है, जिससे प्रदेश के लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को मजबूती मिल रही है। उत्तर प्रदेश सरकार पीएम गति शक्ति पोर्टल के माध्यम से उद्योग, परिवहन, ऊर्जा, डिजिटल कनेक्टिविटी और शहरी विकास क्षेत्रों में एकीकृत योजना बनाकर निवेश और आर्थिक विकास को गति देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि गति शक्ति पोर्टल उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे की डिजिटल मैपिंग और परियोजनाओं के समयबद्ध कार्यान्वयन में एक अहम भूमिका निभा रहा है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए सड़कों, रेलवे नेटवर्क, औद्योगिक गलियारों, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और अन्य आवश्यक सुविधाओं की योजना अधिक प्रभावी और वैज्ञानिक रूप से बनाई जा रही है। श्री अनिल कुमार ने यह भी कहा कि राज्य सरकार इस पोर्टल का उपयोग करते हुए औद्योगिक निवेश के लिए आवश्यक संसाधनों की पहचान कर रही है, जिससे उत्तर प्रदेश को देश का सबसे प्रमुख औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स केंद्र बनाने में सहायता मिलेगी।मुख्य अतिथि औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने कहा कि पीएम गति शक्ति योजना से उत्तर प्रदेश में लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी और उद्योगों को विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जाएगा। इससे प्रदेश में औद्योगीकरण को नई गति मिलेगी और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य इस योजना के माध्यम से प्रदेश को निवेशकों के लिए सबसे अनुकूल राज्य बनाना है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव पंधारी यादव ने बताया कि गति शक्ति पोर्टल उत्तर प्रदेश के जिलों में बुनियादी ढांचे की डिजिटल मैपिंग कर परियोजनाओं की निगरानी को आसान बना रहा है, जिससे परियोजनाओं के शीघ्र और प्रभावी निष्पादन में सहायता मिल रही है।
कार्यशाला के अंत में विशेष सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा निदेशक, रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशंस सेंटर, उत्तर प्रदेश शीलधर यादव, आईएएस ने धन्यवाद ज्ञापित किया और कहा कि गति शक्ति पोर्टल राज्य की आधारभूत संरचना को आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राज्य सरकार इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।इस कार्यशाला में इन्वेस्ट यूपी के सीईओ आईएएस अभिषेक प्रकाश, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के विशेष सचिव आईएएस शीलधर यादव, एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और पीएम गति शक्ति योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर अपने विचार साझा किए। इस कार्यशाला में उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ, तथा केंद्रीय, राज्य एवं जिला स्तर के अधिकारी और विशेषज्ञ बड़ी संख्या में शामिल हुए।

ग़ाज़ीपुर के उसिया गाँव में विद्युत दुर्घटना का ऊर्जा मंत्री ने लिया त्वरित संज्ञान

-दोषी विद्युत कर्मियों पर की सख्त कार्रवाई,विद्युत के अवैध कार्य में संलिप्त माफिया मंटू व सद्दाम ख़ान के विरुद्ध एफआईआर
-भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति से कोई समझौता नहीं करेगी योगी सरकार- शर्मा

नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने ग़ाज़ीपुर ज़िले के जमानियाँ क्षेत्र में दिलदार नगर विद्युत उपखण्ड के भदौरा 33/11 केवी. विद्युत उपकेन्द्र के उसिया गाँव की एक आइस फैक्ट्री पर 25 केवीए का ट्रांसफार्मर अवैध एवं अनधिकृत रूप से लगाने पर हुई दुर्घटना का त्वरित संज्ञान लेते हुए दोषी विद्युत कार्मिकों पर सख्त कार्रवाई की। इस दुर्घटना में कुछ लोगों के घायल होने पर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की हैं।ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर ट्रांसफार्मर लगाने और लगवाने की प्रक्रिया में सीधे रूप से शामिल लाइनमैन  मंटू सिंह कुशवाहा एवं सब स्टेशन ऑफिसर आज़ाद सिंह कुशवाहा को तत्काल बर्खास्त करते हुए उनकी सेवा समाप्त कर दी गई है। प्रकरण में ज़िम्मेदार जेई शशिकांत पटेल एवं एसडीओ कमलेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और इस अवैध कार्य में संलिप्त पाए गए माफिया मंटू निवासी खजूरी एवं सद्दाम ख़ान निवासी उसिया के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है।श्री शर्मा ने बताया कि जांच में दुर्घटनाग्रस्त ट्रांसफार्मर अवैध पाया गया और अनधिकृत रूप से एक आइस फैक्ट्री पर लगाया जा रहा था, जिसका कनेक्शन बिल न जमा होने की वजह से पूर्व में ही विद्युत् कनेक्शन काट दिया गया था।ऊर्जा मंत्री ने सख़्त चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे अवैध कार्यों में संलिप्त एवं माफियाओं से सांठ गांठ करने वाले विद्युत् कार्मिकों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे विद्युत् कार्मिकों एवं माफियाओं के खिलाफ सख़्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही हैं, इसमें कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस दुर्घटना से कुछ गंभीर बातें सामने आई हैं, जिसमें गाजीपुर जिले में ट्रांसफार्मर सहित विद्युत तंत्र के अवैध कारोबार करने एवं उसमें माफ़ियाओं का हाथ होने तथा उनको राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होने की भी संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

आधा दर्जन बंद कताई मिलों की 451.20 एकड़ भूमि यूपीसीडा को होगी ट्रांसफर,नए उद्योग स्थापित होने के साथ ही जनपदों में  सृजित होंगे रोजगार

उत्तर प्रदेश में नए उद्योग स्थापित करने के लिए उत्तर प्रदेश सहकारी कताई मिल्स संघ लिमिटेड कानपुर की करीब दो दशक से बंद पड़ी छह कताई मिलों की 451.20 एकड़ जमीन उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण यूपीसीडा को हस्तांतरित की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई। इससे नए उद्योग स्थापित होने के साथ ही बड़े पैमाने पर विभिन्न जनपदों में रोजगार सृजित होंगे। हस्तांतरित होने वाली मिलों में महमूदाबाद सीतापुर कताई मिल, फतेहपुर कताई मिल, मऊआइमा प्रयागराज की कताई मिल, बहादुरगंज गाजीपुर, कंपिल फर्रुखाबाद और बुलंदशहर की कताई मिलें शामिल हैं। औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने बताया कि  उत्तर प्रदेश सहकारी कताई मिल्स संघ लिमिटेड कानपुर की बंद पड़ी आधा दर्जन कताई मिलों की 451.20 भूमि यूपीसीडा को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा गया,जिसे कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की। जिसमें महमूदाबाद सीतापुर कताई मिल की 71.02 एकड़, फतेहपुर कताई मिल की 55.31 एकड़, मऊआइमा प्रयागराज की 85.24 एकड़, बहादुरगंज गाजीपुर की 78.92 एकड़, कम्पिल फर्रुखाबाद की 82.15 एकड़ और बुलन्दशहर कताई मिल की 78.56 एकड़ भूमि शामिल हैं, सहकारी कताई मिल्स संघ लिमिटेड कानपुर की बंद पड़ी कताई मिलों पर सरकारी देननदारी व अन्य मदों के रूप में करीब डेढ़ अरब रुपये का बकाया था। जिसे समाप्त करने के लिए दिसम्बर 2024 में 150 करोड़ रुपये की धनराशि जारी करने का आदेश प्रदेश सरकार की ओर से दिया गया था। जिसमें कताई मिलों के अंशधारकों को 88 लाख रुपये, बंद कताई मिलों के स्टोर एवं कच्चे माल की खरीद का बकाया, सिक्योरिटी डिपॉजिट एवं अन्य मदों के बकाया पर 25507 लाख रुपये का खर्च शामिल था। देनदारी की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद अब बंद पड़ी कताई मिलों के हस्तांतरण के साथ ही नए उद्योग लगाने का रास्ता साफ हो गया है। निवेश की सम्भावनाओं के साथ ही निवेशकों की मांग को देखते हुए स्टेट यार्न कम्पनी लिमिटेड, स्पिनिंग कम्पनी लिमिटेड, राज्य वस्त्र निगम और सहकारी कताई मिल्स संघ की बंद पड़ी मिलों की निष्प्रयोज्य भूमि को उपयोग में लाने, यूपीसीडा को सौंपने और वहां नए उद्योग स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को समीक्षा बैठकों में दिए गए थे।

मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनियों से समूहों की महिलाएं बन रही लखपति दीदी,3926 गांवों से प्रतिदिन 7 लाख 29 हजार लीटर  दुग्ध  का किया जा रहा है संग्रह 

-समूहों की 28853 महिलाएं बन चुकी लखपति दीदी 

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं , महिला सशक्तीकरण व स्वावलंबन की राह को तेजी के साथ आसान कर रही हैं। मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनियों के माध्यम से महिलाएं अपनी अनवरत रूप से अपनी आय में इजाफा करते हुए लखपति दीदी की श्रेणी में पहुंच रही हैं। वर्तमान में समूहों की दीदियों द्वारा 3926 गांवों से  प्रतिदिन 7 लाख 29 हजार लीटर दुग्ध  का  संग्रह किया जा रहा है, नतीजा है कि समूहों की 28853 महिलाएं   प्रोड्यूसर कम्पनियों के जरिए लखपति दीदी  की श्रेणी में पहुंच चुकी हैं।राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक श्रीमती दीपा रंजन ने बताया कि

मिल्क वैल्यू चैन अंतर्गत बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी बुंदेलखंड क्षेत्र के 1120 ग्रामो से 76647 महिलाओं द्वारा प्रतिदिन 2.40 लाख लीटर दुग्ध का संग्रह किया जा रहा है। अभी तक 1250 करोड़  का कारोबार करते हुये 1046 करोड़  का भुगतान पूर्ण करते हुए 24 करोड़  का लाभांश अर्जित किया गया है। कंपनी में 14385 महिलाये लखपति दीदी बन चुकी है।सामर्थ्य मिल्क प्रोडूसर कंपनी के तहत जनपद रायबरेली, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, अयोध्या, कानपुर नगर एवं अमेठी में 93294 महिला सदस्य बन चुके हैं एवं 1550 गाँव में प्रतिदिन लगभग 3.3 लाख लीटर दुग्ध संग्रहण किया जा रहा है। कंपनी में 9000 लखपति दीदी बन चुकी है। कुल 529.6 करोड़ का कारोबार द्वारा 466 करोड़ रूपए का भुगतान पूर्ण करते हुए 8.5 करोड़ का लाभांश अर्जित किया गया है।काशी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी के अंतर्गत जनपद बलिया, मिर्ज़ापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, चंदौली एवं वाराणसी तथा संत रविदासनगर में दुग्ध वैल्यू चेन परियोजना में अब तक 30,497 महिला सदस्यों द्वारा 700 गाँव में 1.03 लाख लीटर दुग्ध का संग्रहण करते हुए कंपनी में 5209 महिलाये लखपति दीदी बन चुकी है।श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोडूसर कंपनी के  अन्तर्गत गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर एवं देवरिया में 347 गाँव में कंपनी के 14000 महिला सदस्यों द्वारा प्रतिदिन 41000 लीटर दुग्ध संग्रहण किया जा रहा है। अभी तक 26.6 करोड़ के कारोबार द्वारा 25.35 करोड़ रूपए का भुगतान पूर्ण करते हुए 0.70 करोड़ का लाभांश अर्जित किया गया है। वर्तमान में 259 सदस्य लखपति बन चुके है।सृजनी मिल्क प्रोडूसर कंपनी बरेली, पीलीभीत, सीतापुर, लखीमपुर खीरी शाहजहांपुर एवं रामपुर  के 209 गाँव में कंपनी के 5531 महिला सदस्य बन चुके हैं एवं प्रतिदिन 15000 लीटर दुग्ध संग्रहण किया जा रहा है।

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