LUCKNOW:दो कंपनियां हितों के टकराव में दोषी, पीएम से सीबीआई जांच की मांग,क्लिक करें और भी खबरें

  • REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 42 जनपदों के निजीकरण के लिए दक्षिणांचल व पूर्वाचल कंपनी हेतु जारी ट्रांजैक्शन एडवाइजर के टेंडर में बड़ा पेच फंस गया है। उपभोक्ता परिषद में बड़ी अनियमित का खुलासा करते हुए तकनीकी मूल्यांकन कमेटी के सदस्यों से शक्ति भवन में मुलाकात की वहीं पूरे मामले की सीबीआई से जांच करने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया कि निजीकरण की प्रक्रिया में आपका लोकसभा क्षेत्र भी शामिल है। उत्तर प्रदेश में ट्रांजैक्शन एडवाइजर की प्रक्रिया में बड़ी अनियमित की गई है इसकी सीबीआई जांच करना बहुत आवश्यक हो गया है। इसलिए पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच कराई जाए।उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा रे ट्रांजैक्शन एडवाइजर के टेंडर में तीन कंसलटेंट कंपनियों अर्नस्ट एंड यंग डिलाइट एवं ग्रांड थॉर्नटन द्वारा भाग लिए जाने के मामले की जांच पड़ताल करने के बाद आज एक बड़ा खुलासा करते हुए शक्ति भवन में टेंडर मूल्यांकन कमेटी के सदस्यों निधि कुमार नारंग निदेशक वाणिज्य वित्त जीडी द्विवेदी निर्देशक वितरण व सौरवजीत घोष निर्देशक आईटी से मुलाकात कर उन्हें साक्ष्य दिखाएं और कहा पूरी प्रक्रिया आसंवैधानिक है तत्काल इसे निरस्त किया जाए।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने मूल्यांकन कमेटी के सदस्यों से कहा कि सिस्टम से कराए जा रहे टेंडर में 80 व 20 मार्क के आधार पर टेंडर को तय किया जाना है। लेकिन इस टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाली दो कंसलटेंट कंपनियां गलत तरीके से टेंडर में भाग ली है। जबकि पावर कारपोरेशन को प्री बिड कॉन्फ्रेंस में ही इन्हें बाहर कर देना चाहिए था। यहां तक इनको पहुंचना ही नहीं चाहिए था। उत्तर प्रदेश प्लानिंग डिपार्टमेंट की तरफ से जब 1 ट्रिलियन इकोनामी का टेंडर प्लानिंग डिपार्मेंट उत्तर प्रदेश ने जारी किया था उसमें जब क्लेरिफिकेशन में या स्पष्ट निर्देश जारी किए गए थे कि इस टेंडर को प्राप्त करने वाला कंसल्टेंट कंपनी प्रदेश के किसी अन्य टेंडर में भाग नहीं ले पाएगी। इसके बावजूद भी डिलाइट ने उत्तर प्रदेश के 42 जनपदों के ट्रांजैक्शन एडवाइजर के टेंडर में कैसे भाग लिया ? प्लानिंग डिपार्टमेंट का साक्ष्य भी सदस्यों के सामने प्रस्तुत किया। दूसरी ओर विद्युत नियामक आयोग में काम करने वाली कंसलटेंट कंपनी अर्नस्ट एंड यंग जिसने नियामक आयोग को शपथ पत्र दिया था कि वह बिजली कंपनियों में काम नहीं कर रही है उसके बावजूद भी उसने ट्रांजैक्शन एडवाइजर के टेंडर में भाग लिया। कल मूल्यांकन कमेटी की बैठक के बाद जब उसे नियामक आयोग से कनफ्लिक्ट आप इंटरेस्ट का एनओसी मांगी गई। लेकिन उसने एनओसी जमा करने से मना कर दिया और वह पीछे हट गई। कुुल मिलाकर सिस्टम से कराई जा रहे इस टेंडर प्रक्रिया में सिंगल बिड पर टेंडर को नहीं डिसाइड किया जा सकता इसलिए तत्काल पूरे प्रक्रिया को निरस्त कर जो लोग भी इस प्रक्रिया में अनियमित का प्रयास करने के लिए दोषी है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

गलत रिपोर्ट लगाने वाले अधिकारी पर कार्रवाई की मांग

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और इस्माईलगंज प्रथम वार्ड के पार्षद मुकेश सिंह चौहान ने आज नगर निगम मुख्यालय, लालबाग लखनऊ में आयोजित एक प्रेस वार्ता में जोन-7 में मृत्यु प्रमाण पत्र से जुड़ी लापरवाही के मामले पर सवाल उठाए। उन्होंने सफाई निरीक्षक बृजेश प्रजापति द्वारा स्व. प्यारे लाल गुप्ता के मृत्यु प्रमाण पत्र की गलत रिपोर्ट एस.डी.एम. कार्यालय भेजने को लेकर नगर निगम प्रशासन की कार्यशैली पर नाराजगी जताई। उन्होंने इस मामले की जॉच कराकर सम्बंधित कर्मचारी अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है।

पार्षद मुकेश सिंह चौहान  ने बताया कि स्व. प्यारे लाल गुप्ता के पुत्र  अजय गुप्ता निवासी 628/ड-2 मुरारी नगर, इंदिरा नगर, लखनऊ (वार्ड-लाल बहादुर शास्त्री-2) ने 10 दिसंबर 2024 को अपने पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए उपजिलाधिकारी कार्यालय में आवश्यक प्रपत्र जमा किए थे। जोन-7 कार्यालय ने 18 दिसंबर 2024 को सफाई निरीक्षक से रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा, लेकिन 21 फरवरी 2025 तक कोई रिपोर्ट नहीं भेजी गई। जब अजय गुप्ता ने पार्षद मुकेश सिंह चौहान से संपर्क किया, तो उन्होंने जोनल अधिकारी आकाश कुमार से टेलीफोन पर बात की और व्हाट्सएप पर संदेश भी भेजा। जोनल अधिकारी ने रिपोर्ट जल्द लगाने का आश्वासन दिया, लेकिन 22 फरवरी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद पार्षद चौहान ने अपर नगर आयुक्तललित कुमार से भी फोन पर वार्ता की और संदेश भेजकर मामले को उठाया। उन्होंने भी जल्द रिपोर्ट भेजने का भरोसा दिया, लेकिन 27 फरवरी तक कोई रिपोर्ट नहीं लगाई गई। जब नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह को इस बारे में अवगत कराया गया, तो उन्होंने जोनल अधिकारी को निर्देश दिए कि मृत्यु प्रमाण पत्र से जुड़ी रिपोर्ट जल्द तैयार कर उपजिलाधिकारी कार्यालय भेजी जाए। उन्होंने बताया कि नगर आयुक्त के निर्देश के बाद सफाई निरीक्षक बृजेश प्रजापति ने जल्दबाजी में रिपोर्ट तैयार की, लेकिन उसमें गंभीर खामियां पाई गईं। रिपोर्ट में अंतिम संस्कार कराने वाले पंडा का उल्लेख किया गया, लेकिन दो गवाहों द्वारा दिए गए शपथ पत्रों को शामिल नहीं किया गया। इस रिपोर्ट पर 28 फरवरी 2025 को ही सफाई निरीक्षक, बीट इंचार्ज और जोनल अधिकारी के हस्ताक्षर कराकर भेजा गया, जिससे स्पष्ट होता है कि यह द्वेषपूर्ण तरीके से तैयार की गई थी। 7 मार्च 2025 को समाधान दिवस के दौरान अजय गुप्ता ने नगर आयुक्तइंद्रजीत सिंह से मुलाकात कर अपनी समस्या बताई। इस पर नगर आयुक्त ने जोनल अधिकारी श्री आकाश कुमार को निर्देश दिया कि जिन गवाहों ने शपथ पत्र दिए हैं, उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग कर उनकी बातों को दर्ज किया जाए और रिपोर्ट उपजिलाधिकारी कार्यालय भेजी जाए।पार्षद मुकेश सिंह चौहान ने नगर आयुक्त से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और किसी अन्य अधिकारी को रिपोर्ट तैयार करने के लिए अधिकृत किया जाए ताकि स्व. प्यारे लाल गुप्ता का मृत्यु प्रमाण पत्र सही तरीके से बनाया जा सके। उन्होंने सफाई निरीक्षक ब्रजेश प्रजापति पर नगर आयुक्त के निर्देशों की अवहेलना करने पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह भी मांग की है कि स्व प्यारे लाल गुप्ता के मृत्यु प्रमाण पत्र की जांच के लिए किसी अन्य अधिकारी को सौंपी जाए जिससे सही जांच रिपोर्ट उप जिला अधिकारी कार्यालय को भेजी जा सके।

नगर निगम डिग्री कॉलेज में स्मार्ट और टेबलेट वितरण

नगर निगम द्वारा संचालित अटल बिहारी वाजपेयी नगर निगम डिग्री कॉलेज में आज महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण स्मार्ट फोन/टेबलेट वितरण योजना के तहत स्मार्टफोन वितरण कार्यक्रम और वार्षिक क्रीडा समारोह का आयोजन किया हुआ।

इस कार्यक्रम में अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार गुप्त ने छात्रों को स्मार्ट फोन वितरण करते हुए मेडल से सम्मानित किया। यह कार्यक्रम छात्रों को प्रेरित करने और उन्हें डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए आयोजित किया गया था। अटल बिहारी वाजपेयी नगर निगम डिग्री कॉलेज लखनऊ नगर निगम द्वारा संचालित एक प्रमुख शैक्षिक संस्थान है, जो छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उक्त कार्यक्रम के अवसर पर विद्यालय प्रबंधन के साथ साथ सैकड़ो छात्र उपस्थित हुए।

विद्युत अभियंता और कर्मचारी निजीकरण के विरोध में बड़ी रणनीति में जुटे
-निर्णायक संघर्ष की तैयारी और लखनऊ में सेंट्रल कंट्रोल रूम बना

देश के 10 बड़े राष्ट्रीय श्रम संघों ने बिजली वितरण के निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन का अपने प्रस्ताव में उल्लेख कर खुला समर्थन किया है। आज लगातार 112वें दिन बिजली कर्मियों का प्रान्त व्यापी विरोध प्रदर्शन जारी रहा। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि कल दिल्ली में संपन्न हुए दस श्रम संघों के राष्ट्रीय सम्मेलन में पारित प्रस्ताव में विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन का उल्लेख कर इसका समर्थन किया गया है। दिल्ली में हुए सम्मेलन में पारित प्रस्ताव में कहा गया है। डिस्कॉम को निजी खिलाड़ियों को सौंपे जाने के खिलाफ बिजली कर्मचारी लगातार आन्दोलन कर रहे हैं। राष्ट्रीय हित में रेलवे, कोयला खदान, बिजली, पेट्रोलियम, बैंक, बीमा.. के निजीकरण अभियान पर तत्काल रोक लगानी चाहिए। जिन राष्ट्रीय श्रम संघों ने बिजली के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग की है और निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन का समर्थन किया है उनमें मुख्यतया इंटक, एटक, एच एम एस सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, ए आई सी सी टी यू, एल पी एफ और यू टी यू सी सम्मिलित हैं।
आज संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने रामपुर और मुरादाबाद में बिजली पंचायत की। मुरादाबाद की बिजली पंचायत में बिजनौर, संभल, अमरोहा, नजीबाबाद, चंदौसी और मुरादाबाद के बिजली कर्मी व आम उपभोक्ता सम्मिलित हुए। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि बिजली के निजीकरण में बड़ा भ्रष्टाचार होने वाला है। उन्होंने कहा कि बिजली का निजीकरण करके आम उपभोक्ताओं और किसानों के लिए बिजली की दरों में बेतहाशा वृद्धि की जाने वाली है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि मुंबई में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें 17.71 रुपए प्रति यूनिट तक है। कोलकाता में निजी क्षेत्र में बिजली की दरें 10 से 12 रुपए प्रति यूनिट तक है और दिल्ली में निजी क्षेत्र में बिजली की दरें 08 से 10 रुपए प्रति यूनिट तक है जबकि उत्तर प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम दरें 06.50 रुपए प्रति यूनिट है। संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण के पहले बड़े पैमाने पर संविदा कर्मियों को हटाया जा रहा है और नियमित बिजली कर्मचारियों की रियायती बिजली की सुविधा जबरन समाप्त की जा रही है। यह सब इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 का खुला उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि लखनऊ में 09 अप्रैल को अब तक की बिजली कर्मियों की सबसे बड़ी रैली होनी जा रही है ।इस रैली में बिजली के निजीकरण के विरोध में संघर्ष का शंख नाद किया जाएगा।आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध सभा हुई।

पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन का होली मिलन समारोह

उत्तर प्रदेश सचिवालय पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के होली मिलन समारोह मंें चिकित्सा प्रतिपूर्ति पर विस्तार से चर्चा की गई। के. रविन्द्र नायक, प्रमुख सचिव, सचिवालय प्रशासन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य आतिथ्य में उत्तर प्रदेश सचिवालय पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा नवीन भवन सचिवालय स्थित तिलक हाल में आयोजित भव्य होली मिलन समारोह में शासन के विभिन्न अधिकारियों सहित भारी संख्या में सचिवालय के पेंशनर उपस्थित हुये।
एसोसिएशन के पदाधिकारी ओंकार तिवारी ने बताया कि होली मिलन समारोह में उपस्थिति गणमान्य लोगों ने संस्कृति विभाग द्वारा नामित कलाकारों की प्रस्तुति का भरपूर आनन्द लिये। एसोसिएशन के सचिव एन पी त्रिपाठी के अनुसार प्रमुख सचिव द्वारा उत्तर प्रदेश सचिवालय पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन की गतिविधियों की सराहना करते हुये यह स्पष्ट किया गया कि चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति में हो रहे विलम्ब की प्रक्रिया काफी सरल कर दी गयी है। भविष्य में इसे और अधिक सुगम बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

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