-यू0पी0 इन्टरनेशनल ट्रेड शो आगामी 25 से 29 सितम्बर तक
- REPORT BY:AAJ NATIONAL NEWS || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ: मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में यू0पी0 इन्टरनेशनल ट्रेड शो थर्ड एडिशन की तैयारी बैठक आयोजित की गई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि यू0पी0 इन्टरनेशनल ट्रेड शो दिनांक 25 से 29 सितम्बर, 2025 तक इण्डिया एक्सपो सेण्टर एण्ड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित है। ट्रेड शो के भव्य आयोजन की तैयारियां अभी से शुरू कर दी जायें, तैयारियों में कोई कमी न रहे।
उन्होंने कहा कि ट्रेड शो वैश्विक पटल पर उत्तर प्रदेश के उत्पादों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करने का सबसे बड़ा मंच है। शो में उत्तर प्रदेश के उत्पादों तथा विभिन्न विभागों की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया जाये। दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में इससे सम्बन्धित बड़े रोड शो किये जायें।
उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि एयरपोर्ट व मैट्रो स्टेशन्स पर ट्रेड शो की ब्रांडिंग करायी जाये। दिल्ली एनसीआर, मुम्बई, अहमदाबाद, इंदौर, जयपुर, गुरुग्राम आदि में भी शो का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये।
बैठक में बताया गया कि ट्रेड शो में 1.25 लाख बी2बी विजिटर्स, 4.50 लाख बी2सी विजिटर्स, 2400 एग्जिबिटर्स, 20 हजार से अधिक बी2बी मीटिंग्स होने की संभावना है। इसमें 70 से अधिक देशों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। वियतनाम कंट्री पार्टनर के रूप में शामिल होगा।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस0गर्ग, प्रमुख सचिव एमएसएमई आलोक कुमार, प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स अनुराग यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
मुख्य सचिव ने एएफसी एवं वेन्चुरा प्रीफैब के प्रशिक्षण केन्द्र का किया भ्रमण किया
-यूपीएनआरएलएम की दीदीयों से किया सीधा संवाद,शिक्षा के साथ हुनरमंद होना जरूरी-मनोज कुमार सिंह
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने लखनऊ के बक्शी का तालाब स्थित एग्रीकल्चरल फाइनेंस कॉरपोरेशन (एएफसी) एवं वेन्चुरा प्रीफैब के
प्रशिक्षण केन्द्र का भ्रमण किया और उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएनआरएलएम) की दीदीयों से सीधा संवाद कर उनका उत्साहवर्धन किया।अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि वर्तमान परिवेश में शिक्षा के साथ-साथ हुनरमंद होना बेहद जरूरी है। उन्होंने तकनीकी क्षेत्रों और उद्योग में महिलाओं के लिए इस तरह के सक्षम, सुरक्षित और समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही सराहनीय पहल है कि महिलाएँ प्रशिक्षण केन्द्र पर पर्यावरण के अनुकूल ईंटों के उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। इस तरह की अनूठी परियोजना के प्रबंधन में सुश्री रश्मि सिन्हा के समर्पण की सराहना की।
इस अवसर पर उन्होंने “हरित पथ” का उद्घाटन किया, जो 25 फुट का हरा ईंट पथ है जिसे पूरी तरह से महिला प्रशिक्षुओं ने पर्यावरण

अनुकूल निर्माण तकनीकों का उपयोग करके बनाया है। उन्होंने एक प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया, जिसमें एग्जिबीशन डिस्पेलेयिंग मॉडल, रीसाईकिल्ड कंक्रीट कलाकृतियाँ और 4 आर्स (रिड्यूस, रीयूज, रीपर्पज, रीजेनरेट) फिलासफी के तहत प्रशिक्षुओं के क्रिएटिव रीयूज प्रोजेक्ट्स को प्रदर्शित किया गया था।लाइव प्रदर्शन के दौरान, महिलाओं ने मशीन संचालन, बैच मिक्सिंग और कंक्रीट मोल्डिंग में अपने कौशल का प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने प्रशिक्षुओं के साथ बातचीत की और उनके सवालों के जवाब दिए। महिलाओं द्वारा निर्माण की यात्रा पर एक लघु फिल्म दिखाई गई, जिसमें परियोजना के विजन और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया। महिला प्रशिक्षुओं ने गृहिणियों से मशीन ऑपरेटर और भविष्य के उद्यमियों तक की अपनी परिवर्तनकारी यात्रा को साझा किया। दीदीयों की मांग पर मुख्य सचिव ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को नियमित संचालित करने के साथ-साथ निर्माण इकाई को भी स्थापित किये जाने के निर्देश दिये।
इससे पूर्व, मुख्य सचिव का स्वागत पारंपरिक चंदन टीका और महिला प्रशिक्षुओं द्वारा स्वागत गीत गाकर किया गया। एग्रीकल्चरल फाइनेंस कॉरपोरेशन के राज्य प्रमुख श्री अवनेश कलिक ने मुख्य सचिव को प्रतीक चिन्ह तथा अगंवस्त्र देकर सम्मानित किया। वेन्चुरा प्रीबैफ की रशमी सिन्हा द्वारा अतिथियों के स्वागत् के साथ-साथ परियोजना संबंधी प्रस्तुतीकरण किया गया।मुख्य सचिव ने परिसर में एक तेजपत्ता का पौधा (सिनामोमम तमला) रोपित किया और प्रशिक्षु महिलाओं द्वारा हाल ही में बनाए गए कंक्रीट स्लैब पर अपने हाथ की छाप लगाई, जिसे निर्माण की दीवार नाम दिया गया, जो उद्योग में महिलाओं के समावेश के साथ एकजुटता का प्रतीक है।
कार्यक्रम का समापन यूपीएसआरएलएम की एमडी दीपा रंजन के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने राज्य भर में ऐसे मॉडलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत एग्रीकल्चरल फाइनेंस कॉरपोरेशन एवं वेन्चुरा प्रीफैब के साथ मिलकर एक महत्वकांक्षी परियोजना पर पाइलेट फेज में जनपद लखनऊ के बक्शी के तालाब विकास खण्ड के तीन गांवों के स्वयं सहायता समूहों की 30 महिलाओं के साथ प्रशिक्षण प्रारम्भ किया गया है।प्रदेश में पर्यावरण के अनुकूल उच्च गुणवत्ता वाली ईटों का निर्माण पहली बार किया जा रहा है। इस विषय पर 50 दिवसीय प्रशिक्षण एग्रीकल्चरल फाइनेंस कॉरपोरेशन एवं वेन्चुरा प्रीफैब के प्रशिक्षण केन्द्र पर आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण के उपरान्त ईट निर्माण की इकाई की स्थापना के साथ वृहद स्तर पर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य किया जायेगा।
प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को ईंट निर्माण की नवीनतम तकनीकों, उच्च गुणवत्ता वाली सामग्रियों के उपयोग और टिकाऊ निर्माण पद्धतियों की जानकारी दी जा रही है। पर्यावरण हितैषी इन ईंटों का उत्पादन पारंपरिक ईंट निर्माण की तुलना में कम प्रदूषणकारी होता है, जिससे वायु और जल प्रदूषण को कम करने में सहायता मिलती है।इस पहल का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इससे महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनने का अवसर मिल रहा है। वे न केवल कुशल श्रमिक बन रही हैं, बल्कि उद्यमिता की ओर भी कदम बढ़ा रही हैं। इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम समाज में महिलाओं की भागीदारी और उनकी आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। वेंचुरा प्री-फैब का यह प्रयास न केवल पर्यावरण को बचाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि समाज में महिलाओं की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल है।
एग्रीकल्चरल फाइनेंस कॉरपोरेशन उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान है, जो प्रदेश के 75 जनपदों में स्थापित अपने प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से लाखों स्वयं सहायता समूहों की दीदीयों को प्रशिक्षण देने का कार्य कर रहा है। 57वर्षो के सतत सामाजिक विकास के लिए ग्रामीण भारत के पुर्ननिर्माण में एग्रीकल्चरल फाइनेंस कॉरपोरेशन का प्रमुख योगदान है।वेन्चुरा प्री फैब उत्तर प्रदेश का एक ख्याति प्राप्त संस्थान है, जो अपनी उच्च गुणवत्ता के लिए जाना जाता है। वेन्चुरा प्री फैब द्वारा यूपी मैट्रो, 112 डायल एवं पुलिस मुख्यालय के निर्माण में प्रयोग होने वाले हरित व पर्यावरण के अनुकूल ईटों की उपलब्धता कराई है।