LUCKNOW UP STF: FCI में टेंडर दिलाने के नाम पर चार करोड़ की ठगी,क्लिक करें और भी खबरें

-शातिर ठग को यूपी एसटीएफ नें किया पुलिस मार्डन स्कूल के पास से गिरफ्तार

  • REPORT BY:AAJ NATIONAL NEWS   || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK 

लखनऊ।स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) नें भारतीय खाद्य निगम से टेण्डर दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी कर चार करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना अरविन्द चौहान उर्फ सागर खण्डेलवाल उर्फ नजाहिर हुसैन को गोमतीनगर के विनीत खंड में स्थित पुलिस मार्डन स्कूल के पास से गिरफ्तार किया है।पकड़ा गया अरविन्द चौहान उर्फ सागर खण्डेलवाल उर्फ नजाहिर हुसैन नई दिल्ली के पूर्वी कैलाश के 3/69 प्रथम तल का निवासी है। उसके पास से दो मोबाइल फोन और एक घड़ी तथा 1,500 नगद और फर्जी आधार कार्ड व भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) का फर्जी पहचान पत्र और बैंक ड्राफ्ट की छायाप्रति तथा निर्वाचन कार्ड नजाहिर हुसैन की छायाप्रति व पैन कार्ड नजाहिर हुसैन और भारतीय खाद्य निगम के टेण्डर से सम्बन्धित फर्ज प्रपत्र बरामद किये।

यूपी एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश नें बताया कि पकड़े गये आरोपी का एकसंगठित गिरेाह है, जो लोगों को ठेका और टेण्डर दिलाने के नाम पर फर्जी दस्तावेज के माध्यम से धोखाधड़ी कर ठगी करता है। इस काम में यह लोग अपना सही नाम व पता किसी को नही बताते है।इन्होने दो फर्जी आधार कार्ड बनवा रखा है। जिसमें एक पर इसका नाम अरविन्द चौहान पुत्र बलदेव चौहान निवासी म0नं0 54/ए, विक्टोरिया स्ट्रटी नक्खास, लखनऊ अंकित है। दूसरे आधार कार्ड पर इसका नाम सागर खण्डेलवाल निवासी आर0जेड0बी0 144, गली नं0 07, गुरूद्वारा रोड महाबीर इन्क्लेव भाग-1, दक्षिण पश्चिम दिल्ली अंकित है। इसी प्रकार भारतीय खाद्य निगम का फर्जी परिचय पत्र भी बनवा रखा है। जिसमें इसका नाम अरविन्द चौहान, पद-सेक्शन आफीसर, पता-क्वाटर नं0 41, सीडब्लूएनजी कैसरबाग लखनऊ अंकित है।इसने रफत मुइम को अपना नाम अरविन्द चौहान उर्फ सागर खण्डेलवाल बताया था। सैयद रफत मुईन व तनवीर जियाउद्दीन खान निवासी खुर्रमनगर लखनऊ से भारतीय खाद्य निगम से उत्तर प्रदेश व हरियाणा राज्य के चावल का लगभग 140 करोड़ रूपये का टेण्डर दिलाने की बात तय हुई थी।

यूपी एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश नें बताया कि पकड़े गये आरोपी ने रफत मुईम को बताया कि 140 करोड़ के टेण्डर का 10 प्रतिशत 14 करोड़) ईएमडी के रूप में जमा करना पड़ेगा है। 14 करोड़ के ई0एम0डी0 को वेव आफ कराने के लिए 05 करोड़ रूपये में बात तय हुई थी। जिसके बाद गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज दिखाकर उनको विश्वाश में लेकर अलग-अलग तिथियों में लगभग 04 करोड़ रूपये नगद के रूप में ले लिया गया। शेष 01 करोड़ रूपये लेने के लिए रफत मुईम पर दबाव बना रहा था, कि पैसा जल्दी नहीं देने पर टेण्डर हाथ से निकल जायेगा। सैयद रफत मुईन को टेण्डर दिलाने के नाम पर इसने भारतीय खाद्य निगम के एम-वैल्यू पोर्टल पर उनका रजिस्ट्रेशन हो जाने की बात कहकर सितम्बर-2024 में टेण्डर से सम्बन्धित निदेशक, एफसीआई के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर फर्जी प्रपत्र तैयार कर उनको दिया था।पकड़े गये आरोपी नें दो अलग-अलग बैंको के फर्जी डिमाण्ड ड्राफ्ट 14,00,21,536 रूपये के जनरल मैनेजर फूड कार्पोेरशन आफ इण्डिया के पक्ष में तनवीर जियाउद्दीन की तरफ से बनवाया था। जब किसी व्यक्ति से ठगी करना होता है, तब यह एफसीआई से सम्बन्धित प्रपत्र (बरामद) पर निदेशक एफसीआई के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर उनको दे देता है।इसने वर्ष-2023 में 40 लाख का टेण्डर दिलाने के नाम पर ठगी किया था। जिसको लेकर महाराष्ट्र के थाना काशीमीरा में मुकदमा दर्ज हुआ। इसमेँ यह 02 महीने जेल में रहा था।

सोशल मीडिया पर चिकनकारी कम्पनी के फर्जी पेज बनाकर करते थे ऑन लाइन ठगी

-यूपी एसटीएफ ने पश्चिम बंगाल से दबोचा, कोलकाता की युवती भी शामिल

यूपी एसटीएफ ने सोशल मीडिया पर कई चिकनकारी कम्पनी के फर्जी पेज बनाकर ऑन लाइन ठगी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ा है। इसमें एक युवती अपने ब्वाय फ्रैंड और उसके मौसी का बेटा साथ शामिल है। एसटीएफ ने तीनों को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है और ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ ला रही है।एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश के मुताबिक, हजरतगंज थाने में सात अप्रैल को मेहरकारी चिकन कम्पनी के मालिक अथर्व आर्या ने मुकदमा दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि उनकी कम्पनी के नाम पर कोई एक फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट बनाकर, लोगों से कपड़ों का ऑनलाइन ऑर्डर लेकर ठगी कर रहा है। वह लोग कम्पनी का नाम जीएसटी नम्बर और पते का भी प्रयोग कर रहे हैं। वह लोग बिल भी उन्हीं की कम्पनी के नाम से वाट्सएप पर भेज रहे हैं।

पड़ताल में सामने आया गिरोह

मुकदमा दर्ज करने के बाद इस मामले की पड़ताल शुरू हुई। सामने आया कि कोलकाता का एक गिरोह सक्रिय है। यह गिरोह अथर्व आर्या कम्पनी के साथ फ्राड कर रहा है। इसी क्रम में एसटीएफ की टीम ने कोलकाता इकाबलपुर मोमिनपुर निवासी सईद हुसैन, जाबिर और कोलकाता पनियापुकुर निवासी जैनब जाकिर को गिरफ्तार किया। इसके बाद सभी को 24 जुलाई को शाम को कोलकाता इकबालपुर से पकड़ कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ हजरतगंज कोतवाली लाकर विधिक कार्रवाई की गई।

लालच में आकर शुरू कर दिया ठगी का धंधा

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि जल्दी पैसा कमाने और अमीर बनने के लिए उन लोगों ने ठगी का धंधा शुरू किया। होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने वाले सईद हुसैन की मौसी का लडका जाबिर पूर्व में विप्रो कम्पनी में जाब करता था। बाद में फ्राड करने वाली कम्पनी टेकसपोर्ट में एजेंट के रूप में काम करने लगा, जहां से ठगी सीखकर जाबिर ने जाबिर हम्जा गारमेंट नाम से कम्पनी बनाकर ऑनलाइन कपड़ों का ऑर्डर लेकर बेचने शुरू कर दिया। जाबिर ने सईद हुसैन और उसकी गर्ल फ्रैंड जैनब जाकिर के साथ मिलकर सोशल मीडिया पर कई चिकनकारी कम्पनियों के नाम से फर्जी पेज बनाए। इसके बाद सईद हुसैन और जैनब जाकिर ने उस पर आने वाले ऑर्डर लेकर ठगी करने लगे। जिसे यह लोग जनवरी 2025 से कर रहे हैं।

डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले दो गिरफ्तार

यूपी एस०टी०एफ० नें सीबीआई और नारकोटिक्स तथा क्राईमब्रांच का अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले संगठित गिरोह के दो सदस्यों को राजधानी के थाना गोमतीनगर विस्तार के खरगापुर स्थित एसआर-इन होटल से गिरफ्तार किया है।पकड़े गये विरेन्द्र यादव उर्फ सूरज यादव व सुरजीत कुमार पुत्र प्रेमनाथ तिवारी के पास से तीन मोबाइल फोन और दो फर्जी आधार कार्ड की छायाप्रति और दो चेक और एक पासबुक और एक बैंक खाते से लिंक सिम कार्ड और व्हाट्सएप्प व के स्क्रीनशाट जिनमें ठगी में प्रयोग किये गये बैंक खातें की किट और बलेनो कार व 5,250 रूपये नगद बरामद किया।

यूपी एसटीएफ के मुताबिक पकड़े गये आरोपी साइबर फ्राड का काम करने वाले लोगों व गैंगों से विभिन्न ऑनलाइन एप्प के माध्यम से सम्पर्क में रहते है। साइबर फ्राड करने वाले लोग अपनी पहचान छुपाकर छ‌द्म नामों से संपर्क में रहते हैं। वह लोग टेलीग्राम आदि मेसेजिंग एप्प पर ग्रुप बनाते हैं और उसमें लोगों को ऐड करके उन्हें अकाउण्ट देने के बदले कमीशन का ऑफर करते हैं।यह लोग भारतीय नागरिकों को ईडी, सीबीआई आदि का भय दिखाकर उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके फ्रॉड करते हैं। फ्राड के रूपये हम लोगों द्वारा उपलब्ध कराए गये बैंक खातों में ट्रान्सफर कराते हैं। विभिन्न एप के माध्यम से इन रूपयों को हम लोग अलग अलग खातों में तुरन्त ट्रांसफर करके उनसे अलग-अलग लोगों द्वारा बिजनेस एप्प के जरिए यूसडीटी खरीद कर उसे भेज देते हैं, जिसके एवज में काफी मुनाफा होता है। इसी तरह से यह लोग फ्राड के रूपयों को यूएसटीडी में बदलकर उसे कभी भी कैश करवा सकते हैं और इन लोगो का नाम भी कहीं नहीं आता है। फ्राड करते समय अलग अलग व्यक्तियों से बात करने का काम खरगापुर स्थित एसआर-इन होटल सुरजीत करते हैं। इस काम के लोगों द्वारा अलग अलग लोगों से करेंट एकाउन्ट व कारपोर्ट एकाउन्ट की चेक बुक, इंटरनेट बैंकिग की आई डी. पासवर्ड, बैंक खाते पर रजिस्टर्ड सिम की व्यवस्था करते हैं। बार बार ओटीपी न डालनी पड़े इसके लिए बाईपास एप्लीकेशन का प्रयोग करते हैं। जिससे उनमें अधिक से अधिक रूपये ट्रांसफर किये जा सके। आधार कार्डों की छायाप्रति के बारे में आरोपियों नें बताया कि अपनी पहचान छिपाने के लिए हर जगह अलग-अलग आधार कार्ड का प्रयोग करते हैं। बरामद आधार में एक ही आधार नंबर पर दो अलग अलग नाम व पता अंकित किया गया। वीरेंद्र के मोबाइल के व्हाट्सएप्प अकाउंट को देखने पर पाया गया कि एक यूजर जिसका नाम प्रमोद व्हाट्सएप्प द्वारा एक कॉर्पोरेट अकाउंट फर्म नाम फोर्थ ड्रीम इवेंट्स प्रा० लि० प्रो० नाम -जी हरि प्रसाद बैंक नाम केनरा ब्रांच द्वारका नगर का खाता नं० भेजा गया था। जिसे नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर चेक करने पर इस खाते सम्बन्धी कुल 41 कम्प्लेंट पाई गयी जिससे यह स्पष्ट है कि यह लोग साइबर फ्रॉड करने वाले बड़े गिरोह से सम्बन्ध रखते हैं।आरोपियों के बताये गये बैंक खाते, वालेट की जानकारी / परीक्षण व गिरोह के अन्य सदस्यो की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है। अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों का फारेंसिक परीक्षण कराया जोयेगा।

Aaj National

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