सरोजनीनगर:ऐन गांव में नवनिर्मित मंदिर की हुई स्थापना,क्लिक करें और भी खबरें

-ग्राम वासियों ने किया देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित, भव्य भंडारे का हुआ आयोजन

  • REPORT BY:A.S.CHAUHAN || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS

लखनऊ। बुधवार को सरोजनीनगर के ग्राम पंचायत ऐन में सियाराम पटेल के नेतृत्व में समस्त ग्रामवासियों ने मिलकर एक ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन संपन्न किया। इस अवसर पर नवनिर्मित मंदिर में समस्त देवी-देवताओं की मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा की गई। यह मंदिर, जो पहले खंडहर की स्थिति में था, सियाराम पटेल के अथक प्रयासों और ग्रामवासियों के सहयोग से नवीनीकरण के बाद भव्य स्वरूप में सामने आया है।मूर्ति स्थापना के लिए आयोजित समारोह में मूर्तियों को पहले कई देवी देवताओं के मंदिरों से एक भव्य शोभायात्रा के माध्यम से मंदिर तक लाया गया। इस शोभायात्रा में ग्रामवासियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और भक्ति भजनों के साथ माहौल को आध्यात्मिक बना दिया। विद्वान पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मूर्तियों की विधि-विधान से प्राण-प्रतिष्ठा की गई।शाम को मंदिर परिसर में एक विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस आयोजन ने ग्राम में एकता और भक्ति का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। सियाराम पटेल ने इस अवसर पर कहा, “यह मंदिर हमारी सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, और इसका नवीनीकरण हम सभी के लिए गर्व की बात है।

कर भुगतान को लेकर भ्रम की स्थित – रितेश श्रीवास्तव

बुधवार को (सरोजिनी नगर इंडस्ट्रियल एरिया मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन) अध्यक्ष रितेश श्रीवास्तव ने बताया कि जनवरी में हुई बैठक में हमें कहां गया था कि कर का भुगतान अब नगर निगम को नहीं, बल्कि यूपीएसआईडीए को किया जाएगा, किन्तु कर भुगतान के संबंध में हमें कोई शासनादेश प्राप्त नहीं हुआ है, इसलिये सरोजनीनगर इंडस्ट्रियल एरिया मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने वर्ष 2025-26 के लिए कर भुगतान को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है, क्योंकि अभी तक कर का भुगतान नगर निगम को किया जाता था। नगर निगम द्वारा कई एसएमएस और व्हाट्सएप संदेश भेजने के बावजूद,एसोसिएशन को यह स्पष्ट नहीं है कि कर का भुगतान किसे करना है। हम स्पष्ट जानकारी चाहते है कि कर का भुगतान अब नगर निगम को नहीं, बल्कि यूपीएसआईडीए को किया जाएगा एसोसिएशन इस मामले पर पुष्टि चाहता है और इस निर्णय के सरकारी आदेश के प्रति की मांग की है। उन्होंने कहा एसोसिएशन ने अधिकारियों से इस मामले पर स्पष्टीकरण देने की अपील की है ताकि क्षेत्र के उत्पादकों को किसी भी भ्रम या असुविधा का सामना न करना पड़े।

मृतक आरक्षी अजय के पिता ने बंथरा थाने में लिखाया मुकदमा

-पिता पवन ने बहूं काजल उसके माता-पिता पर लगाएं संगीन आरोप कहा इनकी धमकियों से डरकर अजय ने लगाई थी फांसी

पवन कुमार निवासी नौधा नहटौर जिला बिजनौर बंथरा थाने पर मुकदमा दर्ज कराया है कि मेरा पुत्र आरक्षी 1938 अजय कुमार पीएनओ 192465117 सहायक पुलिस आयुक्त कृष्णानगर कमिश्नरेट लखनऊ के कार्यालय में नियुक्त था, मेरे पुत्र ने 26.04.2021 को काजल पुत्री रघुवीर सिंह निवासी ग्राम पूरनपुर किवाड सहसपुर जिला बिजनौर के साथ प्रेम विवाह किया था, विवाह के बाद से ही काजल मेरे पुत्र अजय कुमार के साथ ही थाना बन्थरा कमिश्नरेट लखनऊ में सरकारी आवास में निवास करती थी, काजल व उसकी माता उमा देवी व पिता रघुबीर सिंह आये दिन मेरे बेटे अजय को प्रताड़ित करते थे और अजय को कभी भी हमारे पैतृक निवास ग्राम नौधा नहटौर जिला बिजनौर नहीं आने देते थे और न ही हम लोगो से बातचीत करने देते थे, काजल के जिद करने पर अजय ने काजल को ब्यूटी पार्लर का कोर्स भी करा रहा था। मृतक आरक्षी के पिता पवन कुमार का आरोप है कि इसी दौरान काजल का किसी लड़के से नजदीकियां बढ गयी थी, काजल अक्सर समय बे समय व रात को उस लडके से फोन से बात करती रहती, अजय ने कई बार समझाया किन्तु काजल नही मानी इसको लेकर भी काजल व अजय में लडाई झगड़े होने लगे, जिससे मेरा पुत्र बहुत परेशान रहता था तथा काजल अपने सारे घर (मायके) का खर्चा मेरे बेटे के माध्यम से ही कराती थी। कई बार अजय चोरी छिपे हमे काल करके बताया था, किन्तु हम लोग अजय को ही समझाते थे कि अब तुम्हारा घर बस गया है अपना एक दूसरे से सामंजस्य बना के रखो।

पवन कुमार बताते हैं कि 6.03.2025 को मेरी पुत्री की शादी थी बहन की शादी अजय धूमधाम से करना चाहता था किन्तु काजल व उसके माता पिता ऐसा नही करने देना चाहते थे और इसी बात को लेकर आये दिन काजल लडाई झगडा करती थी और काजल के माता पिता भी फोन करके डराते धमकाते थे कि अगर तुम हम लोगो की बात नही मानोगे और अपनी बहन के शादी में जाओगे और पैसा दोगे तो तुम्हे दहेज के केश में फसा देंगे, 2.02.2025 को अजय छुट्टी लेकर अजय अपनी बहन की शादी के लिए खरीदारी करने आने वाला था जिसको लेकर काजल ने अजय के साथ लडाई झगडा किया, जिससे आहत होकर मेरे बेटे ने 2.02.2025 को अपने सरकारी आवास में ही फाँसी लगाकर आत्म हत्या कर लिया, मेरे बेटे के मृत्यु के जिम्मेदार अजय की पत्नी काजल व काजल की माता उमा देवी व पिता रघुबीर सिंह है इन्ही की वजह से मेरे बेटे ने अपनी जीवन लीला ही समाप्त कर लिया।

नशेड़ी पर आए दिन गाली गलौज का आरोप,मुकदमा दर्ज

मानसी सिंह पिता ओमप्रकाश सिंह ग्राम पहाड़पुर थाना बंथरा ने बताया कि मेरे ही गाँव जनमेजय सिंह उर्फ जैकी पुत्र भइइयादीन नशे का आदी अक्रामक व्यक्ति है और पिछले एक सप्ताह से विपक्षी परिवारिक जनमेजय सिंह आये रोज नशे में मेरे दरवाजे पर आकर अनायास ही चिल्ला-2 कर गन्दी-2 गालियाँ देता है, हम सभी बर्दाश्त करते रहे, परन्तु 28/4/25 को शाम करीब 7.30 बजे जनमेजय सिंह पुन नशे में मेरे दरवाजे पर आया तथा हमें व हमारी बहन साथी को गन्दी-2 गालियाँ देते हुए अक्रामक हुआ तो मैने अति होने पर विरोध जताया तो विपक्षी जनमेजय सिंह ने हम दोनो बहनों को धमकाया तथा पूरे परिवारजनों को सम्बोधित कर गाली गलौज किया तथा विरोध करने पर विपक्षी ने हमारे पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी।

जब देश आतंकवाद के विरुद्ध, सपा प्रमुख तुष्टिकरण की राजनीति में उलझे हैं – डॉ. राजेश्वर सिंह

-आपके बयानों में राष्ट्र का स्वर नहीं, पाकिस्तान का नैरेटिव झलकता है ,क्या शहीदों के परिवारों से संवेदना जताने में भी राजनीति होगी

सरोजनीनगर से भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने एक बार फिर अपनी स्पष्टवादिता से राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले और उसके बाद की राजनीतिक प्रतिक्रियाओं पर डॉ. सिंह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर तीखा ट्वीट कर सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर तुष्टिकरण, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और वोटबैंक की घृणित राजनीति करने का आरोप लगाया है।डा श्री सिंह ने कहा कि आज जब देश आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट है, सपा प्रमुख तब भी तुष्टिकरण, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और वोटबैंक की घृणित राजनीति में लिप्त हैं,उनकी यह प्रतिक्रिया उस समय आई जब आतंकवादियों द्वारा किए गए नृशंस हमले में 26 निर्दोष हिंदू पर्यटकों की जान चली गई, जिनमें कानपुर के शुभम द्विवेदी भी शामिल थे।

डॉ. सिंह ने सवाल उठाया कि जब पूरा देश शहीदों के परिवारों के साथ खड़ा था, तब सपा प्रमुख ने शुभम के परिजनों से मिलने तक से इंकार कर दिया और शर्मनाक ढंग से कहा, “उस परिवार से मेरा कोई संबंध नहीं,लेकिन जब माफिया मुख्तार अंसारी की मृत्यु हुई, तो सपा प्रमुख उसके घर संवेदना व्यक्त करने पहुँच गए, क्या यही दोहरा चरित्र नहीं है क्या हिंदू शहीदों का दर्द उनके लिए कोई मायने नहीं रखता। विधायक ने कहा जब आतंकी हमले के बाद देश भर के नेता सर्वदलीय बैठक में शामिल होकर एक स्वर में आतंकवाद के विरुद्ध खड़े हुए, तब सपा प्रमुख वहाँ क्यों नहीं पहुँचे आपने सेना की नीतियों पर तो उंगलियाँ उठाईं, लेकिन आतंकियों के खिलाफ कठोरतम सजा की मांग करना भूल गए! क्यों? क्या आतंकियों को नाराज़ करने का डर है। यह प्रश्न भी डॉ. सिंह ने ट्वीट में उठाया। उन्होंने बताया कहा कि नवर्ष 2013 में अखिलेश यादव की सरकार ने 21 खूंखार आतंकवादियों के मुकदमे वापस लेने की कोशिश की थी, जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था,क्या आप आतंकियों को पद्म भूषण देंगे, आज भी सपा उसी राह पर चल रही है, बाबर और औरंगज़ेब जैसे लुटेरों की प्रशंसा करने वालों को गले लगाने वाले लोग, राणा सांगा और छत्रपति संभाजी महाराज जैसे राष्ट्रवीरों का अपमान करने वालों का समर्थन कर रहे हैं।डॉ. सिंह का यह कटाक्ष अखिलेश यादव की वैचारिक प्रतिबद्धता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।

उन्होंने अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी जैसे माफियाओं को सरंक्षण देने वाली राजनीति पर भी हमला बोला और पूछा कि जिन लोगों ने यूपी को डर के साये में रखा, क्या वे आज सेना और सुरक्षा नीतियों पर उंगली उठाने लायक हैं।डॉ. सिंह ने यह भी आरोप लगाया महाकुंभ जैसे पवित्र आयोजनों तक को वोट बैंक की दृष्टि से देखने वाले लोग न धर्म के हुए, न देश के। अंत में उन्होंने देशवासियों को याद दिलाया कि जब राष्ट्र आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई चाहता है, तब सपा जैसी पार्टियां विभाजन की राह पर चल रही हैं, लेकिन जनता सब देख रही है, और जवाब भी देगी!

सरोजनीनगर बार एसोसिएशन ने मनाई परशुराम जयंती,तहसील परिसर में संपन्न हुआ कार्यक्रम

बुधवार को सरोजनीनगर बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर भगवान परशुराम की जयंती को धूमधाम से मनाया गया।

सरोजनीनगर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने बताया कि परशुराम जयंती हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है, यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आता है, जिसे अक्षय तृतीया भी कहा जाता है, परशुराम जो विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं, भगवान परशुराम को न्याय और क्रोध के देवता के रूप में जाना जाता है। अध्यक्ष ने कहा सभी वर्ग के अधिवक्ता साथियों ने भगवान परशुराम की जयंती मनाई और उनका आशीर्वाद लिया।बार एसोसिएशन के महामंत्री गोविंद प्रताप शुक्ला ने कहा कि भगवान परशुराम का जन्म त्रेता युग में हुआ था, वे ऋषि जमदग्नि और रेणुका के पुत्र थे. इनका मूल नाम राम था, लेकिन जब इन्हें भगवान शिव से परशु (कुल्हाड़ी) मिला, तब से इन्हें परशुराम कहा जाने लगा. परशुराम को न्याय और क्रोध के देवता के रूप में जाना जाता है।

महामंत्री ने बताया अक्षय तृतीया को अनंत-अक्षय-अक्षुण्ण फलदायक कहा जाता है। वर्ष में साढ़े तीन अक्षय मुहूर्त है, उसमें प्रमुख स्थान अक्षय तृतीया का है। इस अवसर पर , अमित प्रताप सिंह, राजेश कुमार सिंह, संजय तिवारी, विवेक कुमार सिंह, सचिन जायसवाल, एच आर रहमान ललित मोहन,ओम प्रकाश सिंह अंकुज निर्मल, रविंद्र कुमार शुभम, मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र तिवारी आदि अधिवक्तागण काफी संख्या में उपस्थित रहे।

Aaj National

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