– बलिया पुलिस ने पत्नी और बच्चों पर बनाया दबाव तो गोरखपुर में खुद पहुंचा थानेदार
लखनऊ। यूपी-बिहार बॉर्डर पर ट्रकों से वसूली मामले में फरार बलिया के नरही थानेदार पन्नेलाल कन्नौजिया ने गोरखपुर में खुद को सरेंडर कर दिया। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस उसके गांव पहुंची थी। पत्नी और बच्चों को हिरासत में लेने का दबाव बनाया गया। इसके बाद पन्नेलाल ने खुद को सरेंडर किया। इसके बाद एसओजी टीम उसे लेकर आ गई।
भरौली बॉर्डर पर अवैध वसूली मामले में एडीजी वाराणसी जोन पीयूष मोर्डिया ने आरोपी पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगाई थी। बलिया के नरही थाने का एसओ पन्नेलाल कन्नौजिया की गिरफ्तारी के लिए एसओजी टीम गोरखपुर के गोला थानाक्षेत्र के भरसी गांव स्थित पैतृक निवास पहुंची। पन्नेलाल यहां नहीं मिला। इस पर पुलिस टीम ने पत्नी और बच्चों पर दबाव बनाया। एसओजी टीम को सटीक जानकारी थी कि भागने के बाद पन्नेलाल ने पत्नी से बातचीत की थी। एसओजी टीम के दबाव बनाने पर पन्नेलाल बाइक से घर पहुंचा, इसके बाद उसने गोला पुलिस की मौजूदगी में खुद को सरेंडर किया। फिर एसओजी टीम उसे अपने साथ ले गई। बताया जा रहा है कि सुबह एसओजी टीम उसके घर पहुंची थी, इसके छह घंटे के बाद पन्नेलाल ने खुद को सरेंडर किया।
दो साल से एक ही थाने में जमा था पन्नेलाल
पन्नेलाल की तैनात करीब दो साल से नरही थाने पर रही। पन्नेलाल वर्ष 2012 में दारोगा बना था। अगस्त 2022 में नरही थाने में तैनाती हुई थी। इसके बाद से बृहस्पतिवार को निलम्बन हुआ। फिर वह थाने से हटा। अब पन्नेलाल से बलिया पुलिस पूछताछ कर रही है। आखिर, वसूली की रकम कहां-कहां जाती थी। आशंका जताई जा रही है कि इस मामले में कई पुलिस अधिकारी भी फंस सकते हैं।
पांच लाख रुपये की सड़क पर की जाती थी प्रतिदिन वसूली
एडीजी वाराणसी जोन पीयूष मोर्डिया ने बताया कि यूपी के बलिया जिले के नरही थाने के पुलिसकर्मियों द्वारा यूपी-बिहार बॉर्डर पर प्रतिदिन करीब पांच लाख रुपये की वसूली सड़क पर की जाती थी।प्रतिदिन बॉर्डर से करीब एक हजार से अधिक ट्रक गुजरते थे,यहाँ से निकलने वाले सभी ट्रकों से पांच सौ रुपये लिये जाते थे।ट्रक चालकों से कथित जबरत वसूली के मामले में पन्नेलाल वांछित थे।