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LUCKNOW:निदेशक पद पर आरक्षण और आयु सीमा 62 वर्ष को लेकर CM को पत्र,क्लिक करें और भी खबरें

  • REPORT BY:PREM SHARMA
  • EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन की आज एक आपात बैठक में लिए गए निर्णय में दलित व पिछला वर्ग के अभियंताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, ऊर्जामंत्री, मुख्यसचिव, सहित अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को ऊर्जा निगमन में 17 निर्देशकों के पदों के लिए निकल गए विज्ञापन को निरस्त करते हुए वर्ष 2015 में लागू आरक्षण की व्यवस्था को लागू कर नया विज्ञापन निकालने की पुरजोर मांग उठाई गई है। इसके साथ ही आयु सीमा 62 वर्ष किए जाने का अनुरोध किया गया है। पावर ऑफिसर एसोसिएशन की तरफ से आज इस आशय का पत्र भेज दिया गया है।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने कहा कि वर्ष 2015 में आरक्षण की व्यवस्था निर्देशकों के पदों पर लागू होने के बाद इसे गुपचुप समाप्त किया गया। जो बडे जांच का मामला है। जिसकी वजह से आज प्रदेश के 11 बिजली निगमन में 40 निर्देशकों के पदों पर दलित व पिछला वर्ग के अभियंता अधिकारियों का प्रतिनिधित्व लगभग शून्य है। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष के. बी. राम, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार, वर्मा सचिव आर पी, केन संगठन सचिव बिंदा प्रसाद, विनय कुमार ने कहा कि आज प्रदेश के मुख्यमंत्री को जो पत्र भेजा गया है उसमें विगत दिनों देश के प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बाद लैटरल एंट्री के 45 पदों के विज्ञापन को निरस्त किए जाने को स्वागत योग कदम बताते हुए उसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी 17 निर्देशकों के पदों के विज्ञापन को तत्काल निरस्त करने की मांग उठाई गई है। संगठन ने कहा है दलित व पिछडे वर्ग के व्यापक हित में वर्ष 2015 में जो आरक्षण की व्यवस्था शुरू की गई थी ।उसी क्रम में ऊर्जा निगमन में 40 पदों के सापेक्ष आरक्षण की व्यवस्था बहाल करते हुए नए सिरे से रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया को आगे बढना चाहिए जिस दलित व पिछला वर्ग के अभियंताओं का हक सुरक्षित बना रहे।पावर ऑफिसर एसोसिएशन निर्देशकों के पदों की अधिकतम आयु सीमा जो 65 वर्ष की गई है उसे गैर जरूरी बताते हुए पूर्वाेत्तर अधिकतम आयु सीमा 62 वर्ष पर ही विचार किए जाने की मांग दोहराई और कहा यही ऊर्जा निगमो के हित में है।

उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत बने टूजी और थ्रीजी मीटर
बिजली उपभोक्तओं का उत्पीड़न रोकने के आयोग पहुचा परिषद

उत्तर प्रदेश में सभी बिजली कंपनियों मे लगभग 12 लाख पुरानी तकनीकी के 2जी, 3जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर जो वर्तमान में उपभोक्ताओं के लिए उत्पीडन मीटर साबित हो रहे हैं। लगभग 4 से 5 साल पहले शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट पूरी तरह फेल साबित हुआ। एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड की उदासीनता का खामियाजा प्रदेश का विद्युत उपभोक्ता भुगत रहा। इसके विरोध में आज उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर एक जनहित प्रतिवेदन दाखिल किया। प्रत्यावेदन में लेसा का उदाहरण देते हुए यह मांग उठाई की राजधानी लखनऊ सहित इलाहाबाद मथुरा बरेली अलीगढ आगरा मेरठ नोएडा गाजियाबाद सहित अन्य जनपदों में जो 12 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं वह पूरी तरह ऑटोमेटिक काम नहीं कर रहे हैं। कहने को स्मार्ट मीटर है लेकिन वह उत्पीडन मीटर साबित हो रहे हैं।ं पूरे प्रदेश में यदि कोई भी स्मार्ट मीटर विद्युत उपभोक्ता जिसका बकाया पर बिजली कनेक्शन कट जाता हैैं। जब वह बकाया जमा करके अपना कनेक्शन पुनः जुड़वाना चाहता है तो आनेको मामलों में 8 से 10 घंटे तक उसका बिजली कनेक्शन जुडी नहीं पाता। उपभोक्ता पसीने बहा देता है बिजली अधिकारियों के चक्कर लगाते लगाते तब कहीं उसका बिजली कनेक्शन जुडता है। इसी प्रकार कभी बारिश में बिजली चमकी तो मीटर बंद हो जाता है। कभी सप्लाई बंद कर देता है। लंबे समय से उपभोक्ता परिषद इसकी लडाई लड रहा है जिसकी एसटीएफ जांच तक हुई लेकिन किसी भी दोषी पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई और ना ही एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड पर कोई वैधानिक कार्यवाही की गई। उपभोक्ता परिषद द्वारा दाखिल जनहित प्रत्यावेदन को विद्युत नियामक आयोग ने बहुत ही गंभीरता से लिया है। अध्यक्ष विद्युत नियामक आयोग ने उपभोक्ता परिषद को आश्वासन दिया कि यह बहुत गंभीर मामला है विद्युत नियामक आयोग उपभोक्ताओं का उत्पीड़न नहीं होने देगा। पूरे मामले की छानबीन कर उचित कार्रवाई करेगा।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग की वर्तमान में जो लगभग 27000 करोड के स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के यहां लगाए जा रहे हैं। सभी बिजली कंपनियों लगभग 45000 मीटर उपभोक्ताओं के घर में लग गए वह अभी आज तक बिलिंग सर्वर से नहीं जुडे हैं। ना ही प्रीपेड मोड में काम कर रहे हैं वह भी पोस्टपेड मोड में मैन्युअली काम कर रहे हैं। ऐसे में जब जब प्रोजेक्ट शुरू होते ही या हाल है तो आने वाले समय में जब यह बिलिंग सर्वर से जुडेगा तब क्या हाल होगा या तो समय ही बताएगा लेकिन जिस प्रकार से बिजली कंपनियों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनियों को उदासीनता बरतने की छूट दी जा रही है उसे या सिद्ध हो गया है कि या प्रोजेक्ट भी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड की तरह आने वाले समय में खिलाफ साबित होना तय है।यही नही यह उपभोक्ताओं के लिए अभिशाप साबित होगा। ऐसे में विद्युत नियामक आयोग पूरे मामले पर हस्तक्षेप करें।

नगर आयुक्त व नगर स्वास्थय अधिकारी सहित पार्षदों की मौजूदगी में अभियान

नगर आयुक्त के आदेशानुसार नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर पी.के. श्रीवास्तव के नेतृत्व में एवं पार्षदों की उपस्थिति में नगर के अंतर्गत संचारी रोगों  से बचाव एवं इनकी व्यापक रोकथाम के उद्देश्य से लगातार सघन अभियान और जागरूकता कार्यक्रमों को अमल में लाया है रहा है।जिसके लिए नगर निगम के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी प्रतिदिन नियनित रूप से योजनाबद्ध ढंग से कार्य कर रहे हैं।उसी क्रम में आज नगर आयुक्त  द्वारा समस्त अधिकारियों एवं  पार्षदों के साथ नगर के चार प्रमुख वार्डों- जनकीपुराम प्रथम वार्ड, जनकीपुराम द्वीतीय वार्ड, जनकीपुराम तृतीय वार्ड, भारतेंदु हरीश चंद्र वार्ड का निरीक्षण कर वृहद अभियान चलाकर सघन गतिविधियों को सुनिश्चित कराया गया।
आज समस्त चारों वार्ड में अभियान चलाते हुए संचारी रोगों से बचाव के लिए टीमों को बनाकर क्षेत्रान्तर्गत मौजूद समस्त बड़े व छोटे नाले नालियों में, यहां मौजूद घरों में एन्टी-लार्वा का छिड़काव कराते हुए फॉगिंग कराई गई। इसके अतिरिक्त बड़े नाले नालियों की सफाई भी वृहद रूप से कराई गई। साथ ही नगर आयुक्त महोदय द्वारा समस्त कर्मचारियों को प्रतिदिन नियमित रूप से टीमें बनाकर साफ सफाई इत्यादि कार्यों को किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। स्थानीय लोगों को डेंगू व मलेरिया जैसे घातक संचारी रोगों की जानकारी देते हुए इनसे बचाव के तौर तरीकों इत्यादि के विषय मे जागरूक भी किया गया।लोगों को क्या करें और क्या न करें इसकी विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।जिससे कि इन घातक रोगों की रोकथाम में प्रत्येक नागरिक अपना अहम योगदान प्रदान कर स्वयं को सुरक्षित कर अपने परिजनों को व अपने आस पास के लोगों को सुरक्षा प्रदान कर सके और नगर निगम द्वारा चलाये जा रहे अभियानों को सफल बना सके। उक्त अभियान में पार्षद  निशा तिवारी जनकीपुराम प्रथम वार्ड, पार्षद राज कुमार मौर्या जनकीपुराम द्वीतीय वार्ड,पार्षद दीपक लोधी जनकीपुराम तृतीय वार्ड,पार्षद मान सिंह यादव भारतेंदु हरीश चंद्र वार्ड, जोनल अधिकारी जोन 03 अलंकार अग्निहोत्री व जेडएसओ सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी गण मौजूद रहे।

 

कुछ ही देर में सोशल मीडिया में छा गया ओपीएस मुद्दा
लखनऊ। केन्द्र सरकार द्वारा नर्इ्र पेंशन योजना के बाद यूपीएस योजना लाने के बाद कर्मचारी शिक्षक भड़क हुए है। सोशल मीडिया में एक्स पर एनपीएस और यूपीएस के विरोध में पूरा देश ‘‘ नो एपीएस, यूपीएस ओनली ओपीएस टॉप ट्रेंडिंग मे रहा। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि एनएमओपीएस के आह्वान पर पूरे देश मे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एनपीएस और यूपीएस हटाकर पुरानी पेंशन बहाल करने के लिये ट्रेंडिंग अभियान चलाया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने बताया कि नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन स्कीम की. 27 अगस्त को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आँनलाइन बैठक में मोदी सरकार द्वारा घोषित की गई यूनाइटेड पेंशन स्कीम को समाप्त कर पुरानी पेंशन को लागू करने के लिए
नो एपीएस, यूपीएस ओनली ओपीएस हैशटैग ट्रेंड कराया गया। यह हैशटैग ट्रेन्डिंग मे टॉप 380 हजार पर 20 मिनट मे ही आ गया। कई घंटे लगातार ट्रेंडिंग मे बना रहा। ाष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने कहा एनपीएस की तरह यूपीएस भी कर्मचारियों के साथ छलावा है जिसको लेकर पूरे देश में गुस्सा है । इसलिये सरकार एनपीएस, यूपीएस को समाप्त कर हुबहू पुराीन पेंशन बहाल करे । संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा कि एनपीएस, यूपीएस को रद्द करके पुरानी पेंशन बहाल करें जिससे करोड़ों शिक्षकों कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान हो सके। पत्र उन्होंने यूपीएस की तमाम खामियों को भी उजागर किया। डॉ. नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि देश का शिक्षक व कर्मचारी यूपीएस से सहमत नहीं है।

 

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