LUCKNOW:अब डीएम और कमिश्नर की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर अधिकारियों को दी जाएगी ग्रेडिंग

-परफॉर्मेंस का निष्पक्ष होगा मूल्यांकन,रोजगार और विकास के नए अवसरों को सृजित करने की दिशा में उठाया गया कदम-मनोज कुमार सिंह 

  • REPORT BY:K.K.VARMA
  • EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने और आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। ताजा निर्णय के मुताबिक़ अब जिलाधिकारी (डीएम) और मंडलायुक्त (कमिश्नर) के कार्यक्षेत्र में निवेश की प्रगति और उनके प्रयासों को मॉनिटर किया जाएगा। डीएम और कमिश्नर की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में उनके कार्यक्षेत्र में हुए निवेश और लोन संबंधी प्रगति का उल्लेख अनिवार्य होगा। इसके आधार पर अधिकारियों को ग्रेडिंग दी जाएगी, जिससे उनकी परफॉर्मेंस का निष्पक्ष मूल्यांकन हो सके। यह कदम प्रदेश में रोजगार और विकास के नए अवसरों को सृजित करने की दिशा में उठाया गया है। उल्लेखनीय है कि इस प्रक्रिया को लागू करने वाला यूपी देश का पहला राज्य होगा।

बढ़ेगी निवेश पर डीएम और कमिश्नर की जवाबदेही

शुक्रवार को इस बड़े फैसले की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि अब डीएम और कमिश्नर को अपने क्षेत्र में निवेश लाने के प्रयासों की रिपोर्ट बनानी होगी। इसमें निवेशकों की सुरक्षा, सुविधाएं और सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए किये गये प्रयासों का भी मूल्यांकन होगा, जिससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही उद्यमियों के लिए समयबद्ध तरीके से लैंड अलॉटमेंट, लैंड सब्सिडी, लैंड यूज चेंज, लैंड क्लियरेंस समेत लैंड बैंक को तैयार कर उसकी मॉनीटरिंग और रेगुलर अपडेशन किये जाने का भी मूल्यांकन किया जाएगा। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि जिलों में निवेश लाने और उसे प्रोत्साहित करने के लिए अधिकारी अपनी भूमिका को जिम्मेदारी से निभाएं। जिन जिलों के डीएम बेहतर प्रदर्शन करेंगे और अधिक निवेश आकर्षित करेंगे, उन्हें उच्च ग्रेडिंग और विशेष सम्मान दिया जाएगा। इससे अधिकारियों के बीच प्रतिस्पर्धा और जिम्मेदारी बढ़ेगी। जिलों में निवेश बढ़ाने के प्रयास में डीएम और कमिश्नर की जवाबदेही को ध्यान में रखते हुए, उनके कार्यकाल के दौरान उनके प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। रिपोर्ट में उनके द्वारा उठाए गए कदम, निवेश के प्रयास और सीडी रेशियो में हुए सुधार का विस्तृत उल्लेख होगा। यह नई व्यवस्था आने वाले दो-तीन हफ्तों में लागू कर दी जाएगी। इससे अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ेगी और उन्हें अपने क्षेत्र में विकास के प्रयासों को और तेजी से अंजाम देने का प्रोत्साहन मिलेगा। प्रदेश में निवेश बढ़ने से न केवल आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रियल सेक्टर में सुधार के प्रयास

मुख्य सचिव के अनुसार, उत्तर प्रदेश का क्रेडिट डिपॉजिट (सीडी) रेशियो वर्ष 2017 में 47 प्रतिशत था वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में इसने उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज करते हुए 60.32 प्रतिशत का आंकड़ छू लिया है। योगी सरकार वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक 65 प्रतिशत के सीडी रेशियो के लक्ष्य को तय करके आगे बढ़ रही है। इस रेशियो का बढ़ना राज्य में आर्थिक स्थिरता और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण का संकेत है। बता दें कि योगी सरकार ने एग्रीकल्चर सेक्टर में सुधार के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। इसके तहत किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने और उत्पादन को बढ़ाने के लिए नई योजनाएं लाई गई हैं। इंडस्ट्रियल सेक्टर में भी सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे उद्योगों को प्रदेश में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

कम सीडी रेशियो वाले जिलों पर विशेष ध्यान

मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश के  संभल, अमरोहा, बदायूं, रामपुर, कासगंज, एटा और मुरादाबाद का सीडी रेशियो सर्वाधिक है। वहीं उन्नाव, बलरामपुर, श्रावस्ती जैसे जिलों का सीडी रेशियो कम है। ऐसे जिलों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने और सीडी रेशियो सुधारने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी। डीएम और कमिश्नर को हर साल अप्रैल में अपने जिले का सीडी रेशियो बताया जाएगा, ताकि वे निवेश को बढ़ाने के प्रयासों को और बेहतर तरीके से अंजाम दे सकें। उन्होंने बताया कि सरकार के इस कदम का उद्देश्य न केवल निवेश को आकर्षित करना है बल्कि प्रदेश के विकास में अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका को भी बढ़ाना है।

इवेन्ट संचालन समिति की बैठक: कृषि भारत-2024 का 15  से 18 नवंबर के मध्य राजधानी लखनऊ में होगा आयोजन

मुख्य सचिव  मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) कृषि भारत-2024 इवेन्ट संचालन समिति की बैठक आयोजित की गई।इस बैठक में  मुख्य सचिव ने कहा कि किसान की आय को बढ़ाना उत्तर प्रदेश शासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। कृषि भारत-2024 का आयोजन दिनांक 15 नवंबर से 18 नवंबर, 2024 के मध्य राजधानी लखनऊ में प्रस्तावित है।

यह कृषि, खाद्य और पशुधन क्षेत्र में हो रहे नवीन नवाचारों व उन्नत तकनीकी से अन्नदाता किसानों को जोड़ने एक अच्छा मंच है। इसके आयोजन की तैयारियों में कोई कमी नहीं रखी जाये। सभी संबंधित विभागों द्वारा पूरा सहयोग किया जाये।उन्होंने कहा कि इस आयोजन का लाभ प्रदेश के सर्वाधिक किसानों को मिलना चाहिये। किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं हो। कार्यक्रम स्थल पर नगर निगम के माध्यम से बुनियादी सुविधाओं उपलब्ध करायी जायें। किसानों के आने और ले जाने की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त प्रदेश में कृषि, खाद्य और पशुधन क्षेत्र में हो रहे नवीन नवाचारों तथा योजनाओं को स्टॉल लगाकर किसानों को सरल भाषा में अवगत कराया जाये।बैठक में बताया गया कि कृषि भारत-2024 आयोजन के लिए पार्टनर कंट्री के रूप में नीदरलैंड्स को सम्मिलित किया गया है।

इसका आयोजन 20,000 स्क्वायर मीटर क्षेत्रफल में किया जाएगा। इसमें 200 से ज्यादा एक्जीबिटर्स के शामिल होने की संभावना है, साथ ही 1 लाख से अधिक अन्नदाता किसान इस आयोजन में शिरकत करेंगे।आयोजन के दौरान 10 से अधिक किसान संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा, जबकि 4000 से अधिक कृषि बिजनेस से जुड़े लोग इसमें शामिल होंगे। वही आठ राज्यों के किसानों को भी इसमें शामिल होने का अवसर प्राप्त होगा। इन नवाचारों को प्रदर्शित करने के लिए अलग-अलग स्टॉल तैयार किए जाएंगे। इनमें एग्रीकल्चर टूरिज्म, सस्टेनेबिलिटी जोन, फार्मर वैलनेस जोन और यंग फार्मर्स जोन सम्मिलित होंगे।बैठक में प्रमुख सचिव पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव पशुधन  के0रवीन्द्र नायक, मंडलायुक्त  रौशन जैकब, जिलाधिकारी लखनऊ  सूर्यपाल गंगवार सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण व सीआईआई के प्रतिनिधिगण आदि उपस्थित थे।

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