LUCKNOW:निजीकरण से आरक्षण समाप्त होने के मुद्दे ने पकडा तूल,क्लिक करें और भी खबरें

-प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से मिला, बताई हकीकत

  • REPORT BY:PREM SHARMA ||AAJNATIONAL NEWS

लखनऊ। दक्षिणांचल और पूर्वांचल को पीपीपी मॉडल के तहत निजी क्षेत्र में दिए जाने की विरोध में आज उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व ने मैं एक 7 सदस्य प्रतिनिध मंडल ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा के आवास पर मुलाकात कर उनसे इसके बाद होने वाले हकीकत से अवगत कराया। अवधेश वर्मा ने बताया कि सबसे पहले चुन चुन कर दलित व पिछड़े वर्ग के अभियंता कार्मिकों को दक्षिणांचल व पूर्वाचल में भेजा गया। अब दोनों कंपनियों के निजीकरण से ज्यादा नुकसान इससे दलित व पिछड़े वर्गों सहित आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों का का होगा। क्योंकि उनको मिलने वाला आरक्षण समाप्त हो जाएगा। स्वीकृत पद के अनुपात में यदि आरक्षण को निकाला जाए तो लगभग 16000 पदों पर आरक्षण की व्यवस्था समाप्त होगी। जो दलित व पिछड़े वर्गों के लिए काफी निराशाजनक होगा। पीपीपी मॉडल मॉडल से उपभोक्ता कार्मिक सभी का नुकसान होगा। इस मुद्दे पर हम लोगों ने अपनी बात पावर कॉरपोरेशन चेयरमैन के सामने भी रखी थी। किसी स्तर पर भी संगठन को कोई सार्थक जवाब नहीं प्राप्त हुआ। इसलिए संगठन ने आपसे मिला।
प्रदेश के माननीय ऊर्जा मंत्री एके शमा ने कहा अभी इस मुद्दे पर मेरे स्तर पर कुछ कहना जल्दबाजी होगा जब पूरा मसौदा मेरे सामने आएगा तब आप सबसे चर्चा की जाएगी। पावर ऑफिसर एसोसिएशन पदाधिकारी ने जोर देकर ऊर्जा मंत्री से अनुरोध किया कि सबसे ज्यादा नुकसान आरक्षण पर होने वाला है। इसलिए हम सब के मुद्दे को मुख्यमंत्री तक पहुंचा दें।ऊर्जा मंत्री से मिलने वाले प्रतिनिध मंडल में पावर ऑफिसर एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ,महासचिव अनिल कुमार, सचिव आरपी केन, संगठन सचिव बिंदा प्रसाद सुशील कुमार वमार्, एके प्रभाकर, विनय कुमार ने कहा हम सभी लगातार पीपीपी मॉडल के इतर भी ऊर्जा क्षेत्र में सुधार की संभावनाओं पर हर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। पावर कॉरपोरेशन चाहे तो हम सभी एक ऐसी कार्य योजना देने के लिए तैयार है। जिसके आधार पर बिजली कंपनियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक नया आयाम मिल सकता है बशर्त पावर कॉरपोरेशन उस पर बात करने के लिए तैयार हो।

बिना अप्रूवल निजीकरण नही कर सकता प्रबन्धन,झूठे आकड़े और धमकी के आधार पर भविष्य से खिलवाड़: संघर्ष समिति

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने एक बार फिर चेताया है कि झूठे आंकड़ों और धमकी के बल पर पॉवर कार्पाेरेशन प्रबंधन हजारों कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता। संघर्ष समिति ने यह सवाल भी उठाया है कि आए दिन कर्मचारियों की सेवा शर्तों के बारे में मनगढ़ंत प्रोपेगेंडा कर रहे पॉवर कार्पाेरेशन प्रबंधन ने बिना किसी अप्रूवल के निजीकरण का आर एफ पी डॉक्यूमेंट कैसे सर्कुलेट करना शुरू कर दिया है। साफ है यह सब झूठ का पुलिंदा है और बिजली कर्मचारी इससे भ्रमित होने वाले नहीं है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय, महेन्द्र राय,सुहैल आबिद, पी.के.दीक्षित, राजेंद्र घिल्डियाल, चंद्र भूषण उपाध्याय, आर वाई शुक्ला, छोटेलाल दीक्षित, देवेन्द्र पाण्डेय, आर बी सिंह, राम कृपाल यादव, मो वसीम, मायाशंकर तिवारी, राम चरण सिंह, मो0 इलियास,  चन्द, सरयू त्रिवेदी, योगेन्द्र कुमार, ए.के. श्रीवास्तव, के.एस. रावत, रफीक अहमद, पी एस बाजपेई, जी.पी. सिंह, राम सहारे वर्मा, प्रेम नाथ राय एवं विशम्भर सिंह ने आज जारी वक्तव्य में बताया कि निजीकरण के विरोध में कर्मचारियों के गुस्से को देखते हुए पावर कार्पाेरेशन प्रबंधन एफ ए क्यू के नाम से मनगढ़ंत प्रश्नोत्तरी आए दिन जारी कर रहा है जिसके झांसे में बिजली कर्मी आने वाले नहीं हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण के बाद कर्मचारियों की भारी संख्या में छंटनी और पदावनति होने वाली है। आउटसोर्स कर्मचारी तत्काल हटा दिए जाएंगे। निजीकरण के बाद यही आगरा और अन्य स्थानों पर हुआ है। संघर्ष समिति ने प्रबंधन को इस बारे में सार्वजनिक तौर पर या किसी भी न्यूज चौनल पर खुली बहस की चुनौती देते हुए कहा कि प्रबंधन संघर्ष समिति द्वारा उठाए जा रहे सवालों का कर्मचारियों के सामने जवाब दे तो दूध का दूध और पानी का पानी स्वतः साफ हो जाएगा। विडम्बना यह है कि आउट सोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन तक न देने वाला प्रबन्धन उन्हें निजीकरण के बाद के सब्जबाग दिखा रहा है। संघर्ष समिति ने पूछा कि पॉवर कार्पाेरेशन प्रबंधन द्वारा जारी की गई ताजा प्रश्नोत्तरी में आर एफ पी डॉक्यूमेंट जारी किया गया है । कार्पाेरेशन प्रबंधन को यह बताना चाहिए की आर एफ पी डॉक्यूमेंट निविदा मांगने के पहले कैसे सार्वजनिक किया जा रहा है इसका आधार क्या है ? संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण की असली तस्वीर कर्मचारियों के सामने प्रस्तुत करने के लिए उड़ीसा और दिल्ली के कर्मचारी उत्तर प्रदेश आएंगे और विभिन्न स्थानों पर जाकर कर्मचारियों के बीच निजीकरण होने के बाद कर्मचारियों की छंटनी, सेवा शर्तें पूरी तरह प्रभावित होने और दुर्दशा के घटनाक्रम से सीधे कर्मचारियों को अवगत कराएंगे। संघर्ष समिति ने एक बार फिर कहा है कि पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन अपने पद का और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिजली व्यवस्था में सुधार या महाकुंभ की बिजली व्यवस्था कैसे और बेहतर बनाई जाए इन सवालों पर चर्चा करने के बजाय निजी कंपनी के प्रवक्ता की तरह निजी क्षेत्र की खूबियां बताने में और निजीकरण के विरोध में बोलने वाले कर्मचारियों को बर्खास्तगी की धमकी देने में व्यस्त है। संघर्ष समिति इन बातों से भलीभांति अवगत है और संघर्ष समिति ने इस मामले में विधिक कार्यवाही के लिए हाईकोर्ट के वकीलों का एक पैनल बना दिया है जो यथा समय विधिक करवाई सुनिश्चित करेगा और कर्मचारियों का कोई अहित नहीं होने देगा।

पेंशनर्स की समस्याओं का होगा समाधान: वित्त मंत्री

गवर्नमेन्ट पेंशनर्स वेलफेयर आर्गनाइजेशन उ.प्र. के  द्विवार्षिक महाधिवेशन-2024 का सफल आयोजन विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह, लोक निर्माण परिसर, लखनऊ में किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि सुरेश कुमार खन्ना,मंत्री वित्त एवं संसदीय कार्य तथा विशिष्ट अतिथि कमलेश्वर नाथ, न्यायमूतिएवं बदरूद्दुजा नवकी, न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) थे।महाधिवेशन कार्यक्रम के प्रारम्भ में गवर्नमेन्ट पेंशनर्स वेलफेयर आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष डा. सच्चिदानन्द पाठक द्वारा मुख्य अतिथि एवं विषिष्ट अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण 80 वर्ष वय प्राप्त सेवानिवृत्त कार्मिकों को सम्मानित किया जाना। मुख्य अतिथि महोदय द्वारा स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र भेंट कर अंगवस्त्र से विभिन्न जनपदों के 40 गवर्नमेन्ट पेंशनर्श को अलंकृत किया गया।

समारोह के मुख्य अतिथि सुरेश कुमार खन्ना, वित्त मंत्री द्वारा पेंशनर्स की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनने के बाद आश्वासन दिया गया कि पेंशनर्स की समस्त समस्याओं को गम्भीरता से लिया जायेगा और शासन स्तर से उनका शीघ्र निराकरण कराया जायेगा। कार्यक्रम का संचालन इं. अख्तर अली फारूकी-महासचिव द्वारा किया गया। पेंशनरों की आमसभा को वित्त मंत्री के साथ मंच पर आसीन विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) बद्रूद्दुजा नकवी, आल इण्डिया स्टेट पेंशनर्स के चेयरमैन पी.के. शर्मा, संयुक्त पेंशनर्स कल्याण समिति के संयोजन एनपी त्रिपाठी एवं पेंशन निदेशक रवीन्द्र कुमार द्वारा सम्बोधित किया गया। गवर्नमेन्ट पेंशनर्स वेलफेयर आर्गनाइजेशन उ.प्र. के अध्यक्ष डा. सच्चिदानन्द पाठक,के धन्यवाद ज्ञापन के बाद समारोह के प्रथम सत्र का समापन हुआ।महाधिवेशन में केन्द्रीय कार्यकारिणी एवं जनपद संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद के कोषागारों में सुसज्जित पेंशनर विश्राम कक्ष स्थापित करने के आदेश पारित किये गये थे। कई जनपदों में अभी तक पेंशन विश्राम कक्ष नहीं बन पाये हैं। कुछ जनपदों में सरकारी पेंशन विश्राम कक्ष को जिलाधिकारी/कोषाधिकारी द्वारा अपनी आवष्यकता के लिए अधिग्रहीत किया जा रहा है, जिस पर रोक लगाने की मॉग की गई।सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त सरकारी सेवकों की पेंशन के अधिकतम 40 प्रतिषत भाग को राशिकृत धनराशि के प्राप्ति से 15 वर्ष बाद पेंषन पुनर्स्थापित हो जाती है जबकि राशिकृत धनराशि की वसूली 10 वर्ष 8 माह में पूर्ण हो जाती है। इस अनियमितता को दूर कर पेंषन के राशिकृत भाग को 11 वर्ष में पुनर्स्थापित किये जाने की आवश्यकता है। पेंशनरों,पारिवारिक पेंशनरों को कैशलेस चिकित्सा योजना का लाभ प्राप्त करने में आ रही अनेक कठिनाइयों का निराकरण कराया जाए। पेंशनरों द्वारा स्वयं अथवा परिवार की चिकित्सा पर किये गये व्यय के बिलों का भुगतान करते समय कोषागारों द्वारा अनाधिकृत रूप से इन्कमटैक्स की कटौती कर ली जाती है जो पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों के प्रति अन्याय है। चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति के बिलों से इन्कमटैक्स की कटौती पर रोक लगाई जाए। ‘‘पुरानी पेंशन योजना की बहाली‘‘ की मॉग को गवर्नमेन्ट पेंशनर्स वेलफेयर आर्गनाइजेशन के समस्त सदस्यों द्वारा एक स्वर से दोहराया गया।

महाधिवेशन का आंतरिक सत्र अपरान्ह 02.00 बजे से इं. अख्तर अली फारूकी-महासचिव के वार्षिक प्रतिवेदन के साथ प्रारम्भ किया गया। संगठन की परम्परा के अनुसार गत 02 वर्षाे में दिवंगत हुए साथियों का स्मरण करके दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना किये जाने के साथ उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई। 05 मिनट के लिए सभा विसर्जित होने के बाद पुनः एकत्रित होकर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया। इस महाधिवेषन की आमसभा में चौथे संशोधन के प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया, जो आंतरिक सत्र से लागू माना जायेगा।द्विवार्षिक महाधिवेशन-2024 में 2024-26 के लिये नई कार्यकारिणी के अध्यक्ष एवं महासचिव का निर्वाचन किया गया। जिसकी आधिकारिक घोषणा निर्वाचन अधिकारी एसएल जायसवाल एवं डा. आर.पी. सिंह द्वारा की जायेगी।

जीआई सर्व आपत्तियॉ आज सुनी जाएगी

नगर निगम सीमान्तर्गत जी.आई.एस. सर्वे द्वारा भवनो के कर निर्धारण के विरुद्ध प्रस्तुत आपत्तियों का नियमानुसार एवं समयबद्ध निराकरण किये जाने हेतु प्रथम शुक्रवार को जी.आई.एस. समाधान दिवस का आयोजन किये जाने का निर्णय लिया गया है। उक्त समाधान दिवस शुक्रवार दिनांक 06 दिसम्बर, 2024 को पूर्व की भाँति नगर निगम मुख्यालय स्थित त्रिलोकनाथ सभागार, लालबाग में प्रातः 10ः00 बजे से अपरान्ह 01ः00 बजे तक महापौर की अध्यक्षता में आयोजित किया जायेगा।
जी.आई.एस. समाधान दिवस में वरिष्ठ अधिकारीगण एवं सम्बन्धित जोनल अधिकारी तथा जी.आई.एस. सर्वे कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित रहेगे। लखनऊ नगर के भवन स्वामियों को सूचित किया जाता है कि जी.आई.एस. में पुनरीक्षित गृहकर निर्धारण के विरुद्ध यदि कोई आपत्ति हो, तो उक्त दिवस में समय से उपस्थित होकर साक्ष्य सहित आपत्ति दर्ज कराते हुए निराकरण कराया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *