- REPORT BY:NITIN TIWARI
EDITED BY:AAJNATIONAL NEWS
उन्नाव:जिले के आसीवन थाना क्षेत्र के अच्छेपुर किरमिली गांव के निवासी रितेश रावत का सेना में भर्ती होने के बाद जब शुक्रवार को घर लौटे, तो पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। रितेश के घर आने पर ग्रामीणों ने देशभक्ति गीतों पर नृत्य करते हुए उनका जोरदार स्वागत किया। माला पहनाकर उनका सम्मान किया गया और फौजी अंदाज में रितेश ने जब अपनी कैप अपने पिता रामभजन को पहनाई, तो उनकी आँखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। रितेश की सेना में भर्ती का सफर प्रेरणादायक रहा।
बचपन से ही सेना में जाने का सपना देखने वाले रितेश को प्रेरणा अपने मामा आलोक कुमार से मिली, जो सेना नायक के पद से रिटायर हो चुके हैं। मामा के
मार्गदर्शन में रितेश ने शारीरिक अभ्यास किया और सेना में भर्ती के लिए कठिन मेहनत की। रितेश का चयन सेना के तकनीकी पद पर हुआ था और 29 अप्रैल
2024 को वह प्रशिक्षण के लिए जबलपुर गए थे। अब वह 1 जनवरी 2025 से तमिलनाडु में अपनी ड्यूटी जॉइन करेंगे। रितेश की कड़ी मेहनत और संकल्प ने
उसे सफलता दिलाई है, और उसकी यह सफलता पूरे गांव के लिए गर्व का विषय बन गई है। रितेश की सफलता से पूरे क्षेत्र में एक नई प्रेरणा का संचार हुआ है, और यह घटना यह सिद्ध करती है कि कठिन परिश्रम से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
महिला अस्पताल में भाकियू का धरना जारी,बोले सीएमएस के हटने तक नहीं होगा खत्म, भ्रष्टाचार का आरोप
भारतीय किसान यूनियन (अराजी) टिकैत के प्रदेश महासचिव किरन सिंह चौहान के नेतृत्व में भाकियू कार्यकर्ताओं का धरना महिला जिला अस्पताल में शुक्रवार को सातवें दिन भी जारी रहा। धरने में शामिल कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में भ्रष्टाचार और अव्यवस्थाओं के खिलाफ तीन प्रमुख मांगें उठाईं।
भाकियू नेताओं का आरोप है कि सरकारी अस्पताल को अब प्राइवेट अस्पताल की तरह चलाया जा रहा है, जहां बिना पैसे के सीजर ऑपरेशन तक नहीं किए जाते। धरने के दौरान किरन सिंह चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सितंबर माह में उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें महिला अस्पताल के सीएमएस, एक महिला डॉक्टर और एक आया के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।
हालांकि, दो महीने से अधिक का समय बीतने के बाद भी विभागीय अधिकारियों ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल में भ्रष्टाचार की वजह से मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है, विशेषकर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को वसूली के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किरन सिंह चौहान ने कहा, अस्पताल में प्रसव से लेकर ऑपरेशन तक पैसे की वसूली की जा रही है, जो गरीब जनता के लिए एक बड़ी समस्या बन चुकी है।
उन्होंने यह भी बताया कि भ्रष्टाचार के चलते अस्पताल में गरीब तबका आर्थिक रूप से परेशान हो रहा है, जिससे उनके इलाज में भी बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। भाकियू कार्यकर्ताओं ने अस्पताल परिसर में जोरदार नारेबाजी की और अपनी मांगों को लेकर विभागीय अधिकारियों से जल्द कार्रवाई की अपील की। कार्यकर्ताओं का कहना था कि जब तक अस्पताल में कार्यरत महिला चिकित्सक, सीएमएस और आया के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक उनका
धरना जारी रहेगा। महासचिव ने चेतावनी दी कि यदि विभागीय अधिकारी इस मामले को गंभीरता से नहीं लेते हैं, तो भविष्य में संघर्ष को और तेज किया
जाएगा।
किरन सिंह चौहान ने कहा, हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होतीं। हम सीएमएस के हटने तक अपना धरना जारी
रखेंगे। धरने की स्थिति को लेकर स्थानीय प्रशासन सतर्क है, और अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द समाधान की उम्मीद जताई है।
हालांकि, भाकियू कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे अपनी मांगों पर कोई समझौता नहीं करेंगे और तब तक धरना जारी रखेंगे, जब तक उनकी शिकायतों का
समाधान नहीं हो जाता।
हत्यारोपी कन्हैया अवस्थी की केजीएमयू में मौत,पत्रकार हत्याकांड में उन्नाव जेल में था बंद
उन्नाव के गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के ब्रम्ह नगर निवासी पत्रकार शुभमणि त्रिपाठी की चार साल पहले सहजनी में हुई हत्या के मुख्य आरोपी कन्हैया अवस्थी की शुक्रवार को लखनऊ के केजीएमयू में उपचार के दौरान मौत हो गई।
कन्हैया अवस्थी को गुरुवार को हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बीते सोमवार को अचानक उनकी तबीयत खराब होने पर उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था, बाद में बेहतर इलाज के लिए लखनऊ रेफर किया गया। 19 जून 2020 को शुभमणि त्रिपाठी की सहजनी में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कन्हैया अवस्थी, उसकी पत्नी दिव्या अवस्थी और अन्य पर हत्या का आरोप है। कन्हैया अवस्थी की जमानत सुप्रीम कोर्ट से तीन बार खारिज हो चुकी थी। हाल ही में, कई दिनों से उसकी तबीयत बिगड़ रही थी, और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
अब तक इस हत्याकांड में पांच आरोपी जेल में हैं, जबकि कुछ आरोपी जैसे दिव्या अवस्थी, राघवेन्द्र अवस्थी और अन्य अभी भी जेल में बंद हैं। जमानत पर कई आरोपियों की रिहाई हो चुकी है, जिनमें शानू उर्फ गांधी की जमानत हाल ही में हाईकोर्ट ने मंजूर की है। न्यायालय में आरोपियों की जमानत प्रक्रिया जारी है, और संबंधित गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। हाईकोर्ट ने मामले में जल्द से जल्द फैसला सुनाने के निर्देश दिए हैं। मुकदमे में आरोपित मोहम्मद शानू उर्फ गांधी की जमानत अर्जी उच्च न्यायालय ने स्वीकार कर उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। इस हत्याकांड में पुलिस अब तक एक आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है, जो वांछित है।