LUCKNOW:विधानसभा में लगातार दो दिन से विपक्ष को घेर रहे सीएम योगी,क्लिक करें और भी खबरें

-सपा की चुप्पी, आखिर क्या है माजरा !

  • REPORT BY: K.K.VARMA ||AAJNATIONAL NEWS DEASK

लखनऊ 17 दिसंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले और दूसरे लगातार विपक्ष पर जुबानी हमला बोला। बीते महीने 24 नवंबर को संपन्न हुए उपचुनावों का जिक्र करना नहीं भूले।सीएम ने बार-बार  समाजवादी पार्टी के नेताओं की ओर इशारा करते हुए कुंदरकी, सीसामऊ, करहल का जिक्र किया।इन तीन सीटों में से एक कुदंरकी पर बीजेपी और दो करहल और सीसामऊ में सपा ने जीत दर्ज की थी। विपक्ष को यह भी याद दिलाया कि 2022 के चुनाव परिणाम में जो अंतर करहल और सीसामऊ में था, वह उपचुनाव में कम हो गया है।शीतकालीन सत्र के पहले दिन सीएम योगी ने कहा कि जैसे ही खटाखट की असलियत सामने आई वैसे ही जनता ने कहा सपाचट। यही नहीं सीसामऊ और करहल , याद करिए सपा 2022 के चुनाव में करहल में 67-70 हजार के वोट से आगे थी।इस बार अंतर 13-14 हजार का है।सीसामऊ में भी बाल-बाल बच गए। इस बौखलाहट में कि कुंदरकी में लोगों को अपनी जड़ें याद आने लग गई हैं। लोग चिल्ला-चिल्लाकर बोल रहे हैं कि  विदेशियों से अब पिंड छुड़ाना है।शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भी सीएम ने कुंदरकी का जिक्र किया। कहा कि विपक्ष का हाल वही होने जा रहा है, जो कुन्दरकी में हुआ है। विपक्ष का मतलब हमेशा नकारात्मक नहीं होता है।जो मुद्दे विधानसभा में उठाए गए हैं, सरकार उनसे वाकिफ है। हम किसी को भी नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करने देंगे। सीएम ने कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता और विद्वेष से ऊपर उठकर नीतियों के बारे में पढ़ेंगे तो अपने क्षेत्र के नौजवानों को लाभान्वित कर सकेंगे लेकिन अगर आप इससे वंचित रहेंगे तो स्वाभाविक रूप से आपका वही हाल होगा जो कुंदरकी में हुआ है। सीएम लगातार दो दिन से उपचुनाव के मुद्दे पर विपक्ष को क्यों बार-बार घेर रहे हैं।कुंदरकी सीट मुस्लिम बाहुल्य सीट है। इस क्षेत्र की  आबादी में 60 फीसदी मुस्लिम हैं। बीजेपी के रामवीर सिंह ने सपा के मोहम्मद रिजवान को 1 लाख 44 हजार 791 मतों से हराया था।सीएम द्वारा लगातार उपचुनाव के परिणामों का जिक्र करने पर समाजवादी पार्टी लगभग खामोश है।सपा नेता और जसवंत नगर से विधायक शिवपाल सिंह यादव ने पहले दिन तब इस मुद्दे पर जवाब दिया जब सीएम ने उनका जिक्र किया।

सपा को पसंद नहीं आया राजा भैया का  अंदाज

उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बीच समाजवादी पार्टी को प्रतापगढ़ स्थित कुंडा के विधायक और जनतस्तता दल लोकतांत्रिक के नेता रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया का बयान पसंद नहीं आया है। सपा ने अपनी शिकायत दर्ज कराई है।इससे पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने भी कहा था कि आखिर किस नियम के तहत राजा भैया को बोलने की अनुमति दी गई।सपा प्रवक्ता अमीक जमेई ने कहा कि आपकी विधानसभा मे प्रदेश मे मुसलमान आपको टूट कर चाहता है पर आपने मुसलमानों की 500 साल संभल मस्जिद की बेइज़्ज़ती, 5 निर्दोष बच्चों की मौत आपके लिए कितना मायने रखती है अपने साफ किया है, क्या कोई आपके किले पर दावा ठोक सकता है ? कैसे लगेगा आपको ? क्या मुसलमानों ने जगन्नाथ बौद्ध मठ, गिरनार जैन मंदिर या गौमटगिरी जैन स्थान पर कब्जा किया। बहराइच में क्या आपके साथी BJP विधायक ने दंगों के जिम्मेदार आपके मुताबिक सनातनी पर एफआईआर नहीं कराई ? हमने कब आपकी मंदिरो पर चढ़ उस पर हरा रंग फहरा कर उसकी अजमत को चोट पहुंचाई ? बहराइच में करोड़ों की संपत्ति जली, किसका पोस्टर लगा ? किससे वसूली की गई ? आपके चेहरे पर दबाव था आपके चेहरे रमक़ और रौशनी नहीं थी आज !

योगी सरकार का शिक्षा पर ज़ोर, किया भर्तियों का खुलासा

आरक्षण के नियमों का हो रहा अक्षरशः पालन-योगी,बोले,सदस्यों द्वारा रखे गए आंकड़े तथ्यपरक नहीं

सीएम योगी आदित्यनाथ ने शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन शिक्षा क्षेत्र में सरकार द्वारा किए गए कार्यों को रखा। उन्होंने सपा विधायक मनोज कुमार पारस, पूजा, पंकज पटेल के मुद्दे को महत्वपूर्ण, संवेदनशील बताया, लेकिन नसीहत दी कि सदस्यों को सदन की गरिमा व मर्यादा को ध्यान में रखकर तथ्यपरक बातें रखनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग में सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया। हमारी सरकार ने 1.60 लाख से अधिक भर्तियां शिक्षा विभाग में की हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि समग्र शिक्षा बेसिक, माध्यमिक, उच्च, तकनीकी, व्यावसायिक, चिकित्सा शिक्षा को लेकर नया चयन बोर्ड उप्र. शिक्षा सेवा चयन आयोग बनकर तैयार है। वह विभिन्न विभागों से अधियाचन मांगकर नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है। हमारी सरकार ने अकेले शिक्षा विभाग में ही 1.60 लाख से अधिक भर्तियां की हैं। यह वे भर्तियां हैं, जो पिछली सरकार की बदनीयती के कारण भरी नहीं जा सकी थीं। बेरोजगारी देश, दुनिया व उत्तर प्रदेश के सामने चुनौती है। उत्तर प्रदेश दुनिया के अंदर सबसे युवा राज्य है। 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में 56 से 60 फीसदी आबादी वर्किंग फोर्स-युवा है। हमारी सरकार ने राज्य के युवाओं को ध्यान में रखकर अनेक कार्य किए हैं। पिछले सत्र में हमारी सरकार ने पेपर लीक की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए सार्वजनिक परीक्षा व अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम -2024 को पारित किया। प्रदेश के युवाओं को ईमानदारी व पारदर्शिता के साथ सरकारी नौकरियां प्राप्त हो रही हैं। इसमें आरक्षण के नियमों का अक्षरशः पालन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर सदस्यों द्वारा रखे गए आंकड़े तथ्यपरक नहीं हैं। यदि उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की भर्तियों की प्रक्रिया को पूर्ण करने की बात है तो 69000 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी हुए हैं, वे सभी चार वर्षों से स्कूलों में पढ़ा भी रहे हैं। उससे पहले 68500 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को संपन्न किया गया, क्योंकि उस समय बीएड को एनसीटीई ने उस परीक्षा के योग्य नहीं माना था और उस समय बीटीसी के इतने अभ्यर्थी हमारे पास नहीं थे। इसमें केवल 42 हजार शिक्षकों की भर्ती हो पाई थी, जो आज बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं। इन सभी को नियुक्ति पत्र जारी हुआ। पिछली सरकारों ने शिक्षा की गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किया था। शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में भर्ती किया था। माननीय उच्चतम न्यायालय ने उन्हें खारिज करके सेवाओं को समाप्त करने का आदेश किया था, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें निश्चित मानदेय पर रखा है। वे सभी शिक्षामित्र भी यथावत कार्य कर रहे हैं। उन्हें वेटेज देकर भर्ती प्रक्रिया से जोड़ा गया था। माननीय उच्चतम न्यायालय की मंशा के अनुरूप कदम उठाए गए थे। 44,000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग बोर्ड व उच्चतर शिक्षा चयन आयोग बोर्ड के द्वारा संपन्न की जा चुकी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में बड़ी विनम्रता से कहूंगा कि पिछड़ी जाति के 27 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर 18 हजार पद आरक्षित होते हैं और पिछड़ी जाति के उसमें 32,200 से अधिक नौजवान भर्ती हुए हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण की सीमा 21 फीसदी है, जिसमें 12 हजार पद उनके लिए आरक्षित होते हैं, लेकिन भर्ती हुई है 14 हजार से अधिक की। ये चीजें दिखाती हैं कि अपनी योग्यता और मेरिट से जो लोग आगे बढ़े हैं, उन्हें जनरल कैटेगरी का भी लाभ दिया गया है। जनरल के जो 34,500 पद थे, उसमें भर्ती हुई है मात्र 20 हजार। यह उन सबके लिए आंखें खोलने वाला होना चाहिए, जो इनके नाम पर राजनीति करके समाज में बंटवारे की खाई को चौड़ा करना चाहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *