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REPORT BY: MUKESH JAISWAL||AAJNATIONAL NEWS DEASK
वाराणसी। महाकुंभ के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मंदिर न्यास ने महाकुंभ के दौरान आरती और भोग का नया शेड्यूल तैयार किया है। इसमें आरती के समय में बदलाव किया गया है।श्री काशी विश्वनाथ मंदिर भी सुरक्षा व्यवस्था के साथ तैयारियां और खास इंतजाम किए गए हैं। भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने मंगला आरती के समय में बदलाव किया है। वहीं, मंदिर कॉरिडोर में अग्निकांड पर त्वरित कार्यवाही करते हुए मॉकड्रिल की भी गई। मंदिर न्यास की ओर से महाकुंभ के लिए चार प्रहर की आरती का शेड्यूल शनिवार को जारी किया गया। इसमें मंगला आरती, मध्याह्न भोग, सप्तर्षि और शयन आरती के समय में 15-15 मिनट का समय घटाया व बढ़ाया गया है। यह शेड्यूल महाकुंभ के दौरान लागू रहेगा।श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से जारी शेड्यूल के अनुसार बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती अब भोर में 2:45 बजे से 3:45 बजे तक होगी। वहीं, महाशिवरात्रि पर बाबा की मंगला आरती 2:15 बजे से 3:15 बजे तक होगी। मध्याह्न भोग आरती 11:35 बजे से 12:15 बजे तक होगी। बाबा की सप्तऋषि आरती शाम को सात बजे से आठ बजे तक होगी। महाशिवरात्रि पर सप्तऋषि आरती नहीं होगी और पूर्णिमा पर शाम को 6:15 बजे से 7:15 बजे तक होगी। शृंगार भोग आरती रात में 8:45 बजे से 9:45 बजे तक होगी। सोमवार को रात्रि में नौ बजे से 10 बजे और पूर्णिमा पर रात्रि में आठ बजे से नौ बजे तक होगी। महाशिवरात्रि पर शृंगार भोग आरती नहीं होगी। शयन आरती रात्रि में 10:30 बजे से 11 बजे तक होगी। सोमवार को शयन आरती रात्रि में 10:45 बजे से 11:15 बजे तक होगी। महाशिवरात्रि पर शयन आरती नहीं होगी। महाशिवरात्रि की रात्रि में मंदिर का कपाट बंद नहीं होगा तथा रात्रि में 11 बजे से अगले दिन प्रात: 6:30 बजे तक चार प्रहर की आरती होगी। महाशिवरात्रि की अगली सुबह मंगला आरती नहीं होगी। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि महाकुंभ की भीड़ को देखते हुए और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आरती और भोग का शेड्यूल जारी किया गया है।
चाइनीज मांझा के खिलाफ शुरू हुआ जनांदोलन,गांधी प्रतिमा के समक्ष उपवास पर बैठे लोग
महामृत्युंजय मंदिर के महंत एवं सपा नेता किशन दीक्षित के नेतृत्व में काशीवासियों ने रविवार को टाउन हॉल के गांधी प्रतिमा के समक्ष उपवास रखकर कातिल मांझे के खिलाफ आवाज मुखर की। लोगों ने मुंह पर काली पट्टी और हाथों में तख्तियों के जरिये कातिल मांझा के खिलाफ मोर्चा खोला।वाराणसी में चाइनीज मांझा से छोट-बड़े हादसे हो रहे हैं। बीते दिनों एक युवक की माैत भी हो चुकी है। इसी बीच, सपा ने इसके खिलाफ जनांदोलन की शुरुआत कर दी है। इसमें मांग की गई कि कातिल मांझा को जल्द से जल्द बंद करवाया जाए।किशन दीक्षित ने कहा कि आए दिन कातिल मांझे की खबरें सुनने को मिलती हैं। कई लोग घायल हो रहे हैं, कई जान गंवा रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि जब कानून ने कातिल बने चाइनीज मांझे पर रोक लगाई है, तो यह बिक कैसे रहा है। सरकार और प्रशासन के अधिकारी इस मुद्दे पर गंभीर नहीं हैं।पूर्व पार्षद मनोज यादव ने कहा कि कातिल मांझे के कारण कई परिवारों को दर्द और पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है। कई लोगों के घर के दीपक बुझ गए हैं। लेकिन इसके बावजूद भी शासन, सत्ता और अधिकारी इस मुद्दे पर चुप हैं। यह समय है जब हमें अपने सत्ता और अधिकारियों से सवाल पूछने चाहिए।कहा कि हमें उनसे पूछना चाहिए वे कातिल मांझे की बिक्री पर रोक लगाने के लिए क्या कर रहे हैं। हमें उनसे पूछना चाहिए कि वे लोगों की जान की परवाह क्यों नहीं करते हैं। यह समय है जब हमें एकजुट होकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़नी चाहिए। उपवास पर बैठे राहुल गुप्ता, अनिल यादव, अमित चौबे, राघव यादव सहित अन्य लोगों ने मांग की कि सरकार मांझे की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाए और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे। लोगों ने कहा कि वे मांझे के खिलाफ लड़ते रहेंगे और इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहेंगे।
एनजीटी की निगहबानी से बेखौफ, बीएचयू में हो रही पेड़ों की कटाई
बीएचयू में कृषि विज्ञान संस्थान गेट के सामने कटे हुए पेड़ की लकड़ियों का ये दृश्य आपके मन में सवाल पैदा कर देगा कि आखिर कौन है इसके पीछे जिसे नियमों के उल्लंघन करने पर भी भय नहीं है। परिसर में चर्चा गर्म है।कहते हैं कि वाराणसी नगर का तापमान अगर शुद्धता को महसूस कराए तो आपको बीएचयू परिसर में प्रवेश करना चाहिए। यहां लगे वृक्ष आपको शुद्ध हवा प्रदान करते हैं। लेकिन जब ये वृक्ष कटते नजर आएं तो सवाल खड़े होने लगते हैं।ऐसे ही सवाल पिछले दिनों खड़े हुए थे और राजिस्ट्रार अरूण कुमार सिंह पर 11 पेड़ की कटाई को लेकर एनजीटी ने मुकदमा दर्ज कराया था। इस पूरे मसले पर कोर्ट ने पिछले तीन सालों से निगहबानी भी कर रखी है ।