-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक कर कहा बायर्स का हित हर हाल में रहेंगे सुरक्षित
-कार्रवाई किए जाने के लिए विशेष टीम के गठन का दिया निर्देश,पीडि़त बायर्स और एलडीए की बनेगी एक समिति
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REPORT BY:AAJ NATIONAL NEWS || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ।राजधानी में अंसल ग्रुप मामले का यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लेते हुए अंसल ग्रुप के खिलाफ तत्काल
एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ नें कहा कि बायर्स के हित हर हाल में सुरक्षित होने चाहिए, इस मामले में दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी।
सोमवार को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अंसल गुप ने होम बायर्स के साथ धोखा किया है, जिसे सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। इस दौरान उन्होंने कंपनी के सभी जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए ।घटनाक्रम से प्रभावित आमजन के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ जैसे मामले जिन भी जिलों में अंसल गुप के खिलाफ सामने आ रहे हैं उन सभी जिलों में एफ आईआर दर्ज कराई जाए। मुख्यमंत्री ने एलडीए और पीडि़त बायर्स की एक समिति तैयार करने के निर्देश भी दिए है, जिससे न्यायालय में अंसल के खिलाफ मजबूती से साक्ष्यों को प्रस्तुत किया जा सके। इससे न्यायालय द्वारा अंसल गुप के लोगों को सजा दिलाने में आसानी होगी।
बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि एनसीएलएटी द्वारा लखनऊ विकास प्राधिकरण एवं आवास विभाग को बिना नोटिस दिए एकपक्षीय आदेश पारित किया गया था। इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए उक्त आदेश के विरुद्ध प्राधिकरण द्वारा व्यापक जनहित में अपील योजित करने के निर्देश दिए।बैठक के पश्चात एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया की अंसल प्रापर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के विरुद्घ एलसीएलटी में चल रहे वाद की सुनवायी के दौरान एलडीए ,आवास विकास परिषद ,सिंचाई विभाग,नगर निगम प्रशासन समेत किसी भी सरकारी विभाग को पक्षकार नही बनाया है। सुनवाई के दौरान कोई भी सरकारी विभाग की न सुने जाने के चलते प्रशासन को उक्त निर्णय मन्जूर नही है । कहा कि एलडी का 400 करोड से भी उपर की असंल पर देनदारी है । असंल को एलडीए ने ग्राम समाज व अर्जन की भूमि अर्जित कर दी थी। इसके अतिरिक्त अंसल प्रशासन ने उनको डेवलेपमेन्ट चार्ज भी नही दिया है। जिसके लिए अंसल प्रशासन के विरुद्घ प्राथमीकि दर्ज कराने का निर्णय लिया गया है । एलडीए वीसी प्रथमेश कुमार ने कहा की परीक्षण कर देखा जायेगा की असंल प्रशासन ने बिना लीज डीड के अर्बन सिलिंग की भूमि बेच दी है । जिसके लिए भी प्राथमीकि दर्ज करायी जायेगी। इसके ऐसे आंवटियो जिनको असंल प्रशासन पैसा लेने के बाद भी कब्जा नही दे पा रहा है ,उनकी ओर से भी अंसल प्रशासन के विरुद्घ प्राथमीकि दर्ज करायी जायेगी। साथ ही समस्त प्रकरण की एकत्र कर अनियमितताओं की समस्त जानकारियो प्रदेश शासन को काररवाई के साथ संस्तुति की जायेगी।
आईआरपी से मिल कर आपत्ति दर्ज कराएगा एलडीए
राष्ट्रीय कम्पनी विधि अपील न्यायाधिकरण एलसीएलटी द्वारा अंसल प्रापर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के विरुद्घ दिवालिया किए जाने के लिए की गयी काररवाई के विरुद्घ एलडीए प्रशासन एलसीएलटी द्वारा आवंटियो की सुनवायी के लिए एक आईआरपी नवनीत कुमार गुप्ता को नियुक्त किया गया है। एलडीए प्रशासन एक सप्ताह में मम्पूर्ण मामलो की जानकारियों उपलब कर आईआरपी से आपत्ति दर्ज कराएगा।
अंसल बिल्डर ने 219.35 एकड़ सरकारी जमीन भी बेच डाली
अंसल एपीआई बिल्डर ने ग्राम समाज की 219.35 एकड़ जमीन बेच डाली है। सरकार की इस जमीन पर अब मकान दुकान, कांप्लेक्स खड़े हो गए हैं। बिल्डर ने जमीन तो बेची लेकिन इसका 203.98 करोड़ रुपए आज तक जमा नहीं किया। उससे जमीन की कीमत वसूलने के लिए जिला प्रशासन व एलडीए के अधिकारी केवल बैठकें ही करते रहे। कुछ अधिकारियों ने बिल्डर पर दबाव बनाकर अपने तथा कुछ ने रिश्तेदारों के नाम प्लाट खरीद लिया लेकिन सरकारी पैसे की वसूली नहीं करायी। अब अंसल के दिवालिया घोषित होने की प्रक्रिया से सरकार का भी पैसा फंस गया है। अंसल एपीआई बिल्डर का फ र्जीवाड़ा करीब 10 वर्ष पहले से सामने आना शुरू हो गया था। लेकिन अफ सरों ने कोई ध्यान ही नहीं दिया। जनता का पैसा तो वसूला ही नहीं, सरकारी भी वसूलने में लापरवाही की। कमिश्नर की ओर से पूर्व में करायी गयी जांच में पता चला है कि उसने ग्राम समाज की 219.35 एकड़ जमीन बेची है। एलडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने 12 जून 2023 को अपर जिलाधिकारी भू अर्जनए एसडीएम तथा तहसीलदारों के साथ बैठक के बाद जो आदेश जारी किया था उसमें भी बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों के बेचने की बात सामने आयी थी।
14 करोड़ रुपए जुर्माना भी नहीं दिया
रेरा ने दो महीने पहले अंसल एपीआई बिल्डर पर 14 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना इसलिए लगाया गया कि उसने गलत तरीके से बिना रेरा में पंजीकरण कराए नए भूखण्ड बेच डाले। रेरा ने हाल ही में इसका मामला पकड़ा था। जिसमें उस पर 14 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया था। अब इसकी भी रिकवरी नहीं हो पाएगी। जो भी सरकारी जमीन व उसकी कीमत बनेगी उसे वसूल किया जाएगा। बिल्डर दिवालिया हो जाएगा तो भी उसकी परिसम्पत्तियां जिसे मिलेगी उसे सरकारी रकम देनी होगी।
अंसल एपीआई कार्यालय के बाहर निवेशकों का हंगामा,कहा प्रशासन की लापरवाही केचलते भागी कम्पनी
राजधानी लखनऊ में अंसल के दिवालिया घोषित होने के बाद निवेशकों का गुस्सा फूट पड़ा है। उन्होंने अंसल एपीआई कार्यालय के बाहर सभा कर नारेबाजी की। निवेशकों ने कहा- अंसल ने हमारे सपनों को मार दिया। पूरी कमाई लगाने के बाद आज हम लोग रोड पर आ गए। ये सब एलडीए अफ सरों की निगरानी में होता रहा, लेकिन कोई उन्हें रोक नहीं पाया। अंसल एपीआई के दिवालिया घोषित होने के बाद सोमवार को सैकड़ों लोग अंसल के कार्यालय जानकारी लेने के लिए पहुंचे। निवेशकों के जवाब देने के लिए कार्यालय में कोई जिम्मेदार अफसर नहीं मिले। सिर्फ चतुर्थ क्लास कर्मचारी ही मौजूद रहे। प्रदर्शन की सूचना पर सरोजिनी नगर विधायक राजेश्वर सिंह अंसल ऑफिस पहुंचे। उन्होंने निवेशकों को आश्वासन दिया कि उनका पैसा नहीं डूबेगा। निवेशक विधायक से बोले की अंसल के दबाव में पुलिस एफआईअर दर्ज नहीं करती है। अगर आप प्रशासन को बोले दें तो 2 घंटे में 500 से ज्यादा एफ आईअर दर्ज हो जाएगी। इस पर विधायक ने बोला इस मामले के लिए भी सीएम के सामने बात रखी जाएगी। लखनऊ के सुशांत गोल सिटी में निवेश करने वालों को कहना हैं-अंसल ने उत्तर प्रदेश के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला किया है। आवंटी कुमार राजेश सिंह ने बताया कि अंसल द्वारा हाईटेक सिटी के नाम पर शोषित किया जा रहा है। कहा गया था कि 24 घंटे लाइट रहेगी। अब तो बिजली कनेक्शन ही काट दिया है। आवंटी मनोहर राम यादव ने बताया 2010 प्रोजेक्ट बना था वो आज तक अधूरा है। जबरदस्ती हम लोगों से अधूरे निर्माण और असुविधाओं का पैसा लिया जाता है। अंसल एपीआई के खिलाफ रेरा में 400 से ज्यादा शिकायत दर्ज हैं। रेरा ने साल 2019 में प्रदेश भर में अंसल एपीआई के 91 प्रोजेक्टों का मांसिक ऑडिट करवाया था। इसमें सैकड़ों आवंटियों का पैसा जमा होने के बावजूद डेवलपर्स ने न तो उन्हें पैसा वापस किया, ना ही कब्जा दे रहा था। इसके अलावा भी कई गड़बडिय़ों का खुलासा हुआ था। अंसल के दिवालिया होने के बाद उसकी देनदारी और निवेशकों की दिक्कतों का समाधान तलाशने के लिए एनसीटीएल की तरफ से तैनात इंट्रिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशन ने अपनी टीम गठित कर दी है। आईआरपी की तरफ से क्लेम दाखिल करने का आवेदन फार्म जारी कर दिया है।