पशुधन,दुग्ध विकास विभाग कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह की अध्यक्षता में कल बुधवार को यहां विधान भवन स्थित उनके कार्यालय कक्ष में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता ज्ञापन उत्तर प्रदेश में वन ट्रिलियन डॉलर पहल का हिस्सा है जिसे डेलॉइट कंसल्टिंग के द्वारा संचालित किया गया। यह साझेदारी उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा देने और टिकाऊ कृषि प्रथाओं और ग्रामीण सशक्तिकरण पर केंद्रित है। इसकी गतिविधियों को कारगिल की वैश्विक पहल, हैचिंग होप के तहत हार्वेस्टप्लस सॉल्यूशंस द्वारा लागू किया जाएगा।यह एमओयू पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश, बादशाहबाग, लखनऊ, उत्तर प्रदेश प्रथम पक्ष और हार्वेस्टप्लस सॉल्यूशंस इंडिया, पंजीकृत कार्यालयः सीओ आईसीआरआईएसएटी, पटानचेरू, तेलंगाना द्वितीय पक्ष के बीच निष्पादित हुआ।एमओयू पर हस्ताक्षर समारोह में पशुधन एवं दुग्ध विभाग के प्रमुख सचिव के रविन्द्र नायक, देवेंद्र पांडे, विशेष सचिव, पशुधन, डॉ. जयकेश पांडे निदेशक, पशुपालन इंदुजा लीड एशिया -रणनीतिक साझेदारी, हार्वेस्टप्लस सॉल्यूशंस ज्योति झा सलाहकार प्रमुख, हार्वेस्टप्लस सॉल्यूशंस विकास गुलिया सहायक निदेशक, डेलॉइट, देशक, डेलॉइट और श्री गोकुल एस सीनियर कंसल्टेंट, डेलॉइट सहित कई विशिष्ट अधिकारी उपस्थित थे
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए पशुधन मंत्री ने बताया कि यह साझेदारी बुंदेलखंड क्षेत्र के सात जिलों में 40,000 से अधिक किसानों को बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग प्रथाओं में सुधार के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करके ग्रामीण आजीविका और पोषण सुरक्षा को मजबूत बनाने का लक्ष्य रखती है। यह हस्तक्षेप 1,50,000 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित करेगा। एमओयू का मुख्य उद्देश्य टिकाऊ बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग को बढ़ावा देना है, जिसमें महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जैसे सर्वश्रेष्ठ पालन प्रथाएँ, रोगों की रोकथाम और प्रबंधन, कुशल शेड निर्माण, फीड प्रबंधन, और पोल्ट्री फार्मिंग के माध्यम से आय सृजन रणनीतियाँ सम्मिलित हैं।श्री सिंह ने बताया कि इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, साझेदार एक संगठित प्रशिक्षण ढाँचा तैयार करेंगे, जिसमें प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण टीओटी कार्यक्रम, सामुदायिक स्तर पर क्षमता निर्माण सत्र, और किसानों को निरंतर सलाहकार सहायता शामिल है। यह पहल विशेष रूप से हाशिए पर रहने वाले समुदायों, विशेष रूप से महिलाओं और छोटे किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन और संसाधनों तक पहुँच प्रदान करके सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगी, ताकि उनकी पोषण आवश्यकताएँ और आर्थिक कल्याण दोनों को बेहतर बनाया जा सके। यह पहल मौजूदा सरकारी योजनाओं के साथ गठजोड़ में होगी, जिसमें तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण और संसाधन तक पहुँच शामिल है।
नन्दी ने तीन वर्ष में 1700 से अधिक मरीजों को दिलाई 29 करोड़ की आर्थिक मदद,मरीजों के लिए खुला रहा मुख्यमंत्री का खजाना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार के सफलतम प्रथम कार्यकाल के बाद दूसरे कार्यकाल में लोगों की सेवा के साथ गम्भीर रूप से बीमार एवं आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के बेहतर ईलाज के लिए मुख्यमंत्री का खजाना खुला रहा। जिसका लाभ उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी के प्रयास से प्रदेशवासियों के साथ प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र के सैकड़ों लोगों को मिला। सैकड़ों लोगों को जीवनदान मिला।
उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री एवं प्रयागराज शहर दक्षिणी विधायक नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी की पहल पर पिछले तीन वर्ष में 1700 से अधिक लोगों को गम्भीर बीमारियों का ईलाज कराने के लिए 29 करोड़ 59 लाख 90 हजार 817 रूपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई। मंत्री नन्दी द्वारा मुख्यमंत्री कार्यालय तक जैसे ही किसी पीड़ित को सहायता देने के जरूरत की सूचना भेजी गई, बिना समय गंवाए निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए जरूरतमंदों को आर्थिक मदद दी गई।संगम नगरी प्रयागराज में चिकित्सा व्यवस्था सुदृढ़ होने के साथ ही कई ऐसे लोग सामने आते हैं, जिन्हें बड़े अस्पतालों में उपचार की जरूरत होती है, जिस पर खर्च भी अधिक आता है। लेकिन हर किसी की स्थिति ऐसी नहीं होती है कि वह ईलाज का बोझ सह सके।
ऐसे लोगों के मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष बड़ा सम्बल बन रहा है। मुख्यमंत्री ने गम्भीर बीमारियों से पीड़ित एवं आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए खजाना खोल रखा है। जिसका लाभ उनके प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले लोगों, जरूरतमंदों एवं गंभीर बीमारियों के शिकार मरीजों को मिले, इसके लिए मंत्री नन्दी द्वारा हमेशा पूरा प्रयास किया जाता है।मंत्री नन्दी के आवास, कार्यालय या फिर लखनऊ आवास पर कोई जरूरतमंद ईलाज में आर्थिक मदद की मांग करता है तो मंत्री नन्दी द्वारा सरकारी प्रक्रियाओं को पूरा कराते हुए उसे आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का पूरा प्रयास किया जाता है।यही नहीं शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र के 84 सेक्टर्स में युवाओं और युवतियों की पूरी टीम लगा रखी है। जो क्षेत्र में भ्रमण कर लोगों की समस्या सुनते हैं, प्रक्रिया पूरा कराते हुए आर्थिक मदद दिलाते हैं। मंत्री नन्दी के आवास पर कोई आता है तो उसकी मदद की जाती है।यही कारण है कि मंत्री नन्दी के पहल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व वाली सरकार के द्वितीय कार्यकाल में अब तक प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र ही नहीं बल्कि अन्य जनपदों एवं अन्य क्षेत्रों के 1700 से अधिक लोगों को गम्भीर बीमारियों का ईलाज कराने के लिए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से 29 करोड़ से अधिक की धनराशि उपलब्ध कराई जा चुकी है।
मंत्री नन्दी के प्रयास से कैंसर, किडनी, हड्डी रोग, हृदय रोग, आर्थराइटिस के साथ ही अन्य गम्भीर बीमारियों का ईलाज कराने के लिए वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 490 मरीजों को 8 करोड़ 80 लाख 75 हजार 317 रूपए, वित्तीय वर्ष 2023-2024 में 587 मरीजों को 9 करोड़ 51 लाख 31 हजार रूपए और वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 623 मरीजों को 11 करोड़ 27 लाख 84 हजार 500 रूपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई। जिसकी मदद से लोगों ने अपना उपचार कराया। जिनमें प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र के मुट्ठीगंज, चौक, नार्थ मलाका, साउथ मलाका, नैनी, शाहगंज, सदियापुर, कांशीराम आवास नैनी, अकबरपुर, अहमदगंज, हिम्मतगंज, मालवीय नगर, खुशहाल पर्वत, जीटीबी नगर करेली, कटघर, मीरापुर, कीडगंज, तुलसीपुर के साथ ही अन्य जनपदों एवं विधानसभा क्षेत्रों के लोग शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 24 करोड़ प्रदेशवासियों को अपना परिवार मानते हैं। मुश्किल समय में उनके साथ खड़े होने का प्रयास करते हैं। असाध्य एवं गम्भीर रोगों से ग्रसित व आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को ईलाज कराने के लिए भटकना, परेशान न होना पडे़ इसके लिए मुख्यमंत्री ने सरकारी खजाना खोल रखा है। मुख्यमंत्री राहत कोष से प्राप्त धनराशि गम्भीर रूप से बीमार लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है।
ऊर्जा मंत्री ने विद्युत स्थायी समिति के सदस्यों के साथ की बैठक,गर्मी में उपभोक्ताओं को निर्वाध आपूर्ति हो, विद्युत कार्मिक कस लें कमर-शर्मा
नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने निर्देशित करते हुए कहा कि गर्मी में उपभोक्ताओं को निर्वाध आपूर्ति सुनिश्चित हो और बिजली की मांग के अनुरूप लोगों को निर्वाध आपूर्ति मिले इसके लिए सभी विद्युत कार्मिक अभी से कमर कस लें। जहां कहीं पर भी विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने में कमियां दिख रही हैं। उसे शीघ्र ही सुधार लें। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विद्युत कार्मिक अपने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क में रहेंगे और उपभोक्ताओं सहित उनके फोन कॉल को उठायेंगे। जनप्रतिनिधियों द्वारा विद्युत व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण और निर्वाध आपूर्ति हेतु दिए गए उनके सुझावों को अमल में भी लाएंगे।
ऊर्जा मंत्री श्री शर्मा गुरूवार को शक्ति भवन में विद्युत स्थायी समिति के सदस्यों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने समिति के सभी सदस्यों द्वारा दिये सुझावों, शिकायतों को सुना और संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए। इस वर्ष की गर्मी में निर्वाध विद्युत आपूर्ति, लोबोल्टेज, ट्रिपिंग, हाईबोल्टेज की समस्या पर संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। विद्युत दुर्घटनाओं को रोकने, ट्रांसफार्मर जलने, सॉट सर्किट को रोकने के लिए, ट्रांसफार्मर, विद्युत पोल और लाइन के पास साफ-सफाई रखें, लाइन को स्पर्श करती शाखाओं की छटनी करें, जर्जर व झुके पोल, जर्जर एवं ढीली लाइन को शीघ्र सही करें। ट्रांसफार्मर के आसपास पकी खड़ी फसल को किसान से कटवा दें, जिससे कि फसल में आग न लगने पाए। विद्युत कार्मिक अपने क्षेत्रों में राजस्व वसूली बढ़ाने और विद्युत चोरी रोकने के ठोस प्रयास करें। विद्युत चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। जहां कहीं पर भी लाइन लॉस ज्यादा है ऐसे फीडरों के क्षेत्रों में सघन चेकिंग अभियान चलाया जाए। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के निर्देशन में प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है। सभी स्रोतों तापीय विद्युत, हाइड्रोपावर एवं सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। गर्मी में पनकी, जवाहरपुर, ओबरा-सी की 660 मेगावॉट यूनिट बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। गर्मियों में ओवरलोडिंग और ट्रिपिंग से निपटने के लिए 16000 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि से आरडीएसएस योजना के तहत वितरण क्षेत्रों में कार्य हुए हैं। विजनेस प्लान के तहत भी ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ायी गई है। बांस-बल्ली में चल रही लाइन को हटाकर पोल लगाये गये हैं। जर्जर पोल व लाइन को हटाकर नये पोल व लाइन स्थापित किये गये हैं। उन्होंने समिति के सदस्यों को विद्युत व्यवस्था को लेकर आश्वस्त किया कि उनके सुझावों पर कार्य होगा कहीं से भी किसी भी प्रकार की शिकायत का मौका नहीं दिया जायेगा।समिति की बैठक में राज्यमंत्री डॉ सोमेन्द्र तोमर, शाहजहांपुर विधायक चेतराम, कासगंज विधायक देवेन्द्र सिंह, एटा विधायक सत्यपाल सिंह राठौर, उन्नाव विधायक बृजेश कुमार एवं आशुतोष शुक्ला, बहराइच विधायक आनन्द कुमार यादव, आजमगढ़ विधायक रमाकांत यादव, गाजीपुर विधायक जैकिशन साहू सहित अपर मुख्य सचिव ऊर्जा नरेन्द्र भूषण, अध्यक्ष यूपीपीसीएल आशीष कुमार गोयल, एमडी पंकज कुमार, विशेष सचिव प्रशांत शर्मा, निदेशक वित्त निधि कुमार नारंग एवं ज्ञानेन्द्र धर द्विवेदी, गिरीश कुमार सिंह, पीयूष गर्ग, एके त्रिपाठी, एसके दत्ता, एसके दास उपस्थित रहे तथा सभी डिस्कॉम के एमडी, मुख्य अभियन्ता, अधीक्षण अभियन्ता एवं अधिशासी अभियन्ता वर्चुअल प्रतिभाग किए।
धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा दे रहा मिश्रिख-नैमिषारण्य महोत्सव,मिश्रिख-नैमिषारण्य महोत्सव उत्तर प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए महत्वपूर्ण – जयवीर
सीतापुर जिले में 18 से 20 मार्च तक आयोजित ‘मिश्रिख-नैमिषारण्य महोत्सव ’ का समापन हुआ। होली के ठीक बाद आयोजित महोत्सव में भव्यता, दिव्यता और श्रद्धा का अनूठा संगम देखने को मिला। यह महोत्सव विशेष रूप से 84 कोसी परिक्रमा के लिए प्रसिद्ध है, जो नैमिषारण्य से प्रारंभ होकर मिश्रिख में संपन्न होती है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, मिश्रिख-नैमिषारण्य महोत्सव प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देगा। नैमिषारण्य तीर्थ की 84 कोसीय परिक्रमा के बाद उप्र. पर्यटन विभाग, प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन सीतापुर द्वारा आयोजित मिश्रिख-नैमिषारण्य महोत्सव में सांस्कृतिक व पारंपरिक कार्यक्रमों की धूम रही। मिश्रिख-नैमिषारण्य महोत्सव ने धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से क्षेत्र की समृद्ध परंपराओं को जीवंत किया। साथ ही, श्रद्धालुओं को अविस्मरणीय अनुभव प्रदान किया। नैमिष महोत्सव की ख्याति ने क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पर्यटन विभाग का प्रयास है कि आने वाले समय में महोत्सव का दायरा और बढ़ाया जाए।पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने इस महोत्सव को राज्य के पर्यटन विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया है। मिश्रिख-नैमिषारण्य महोत्सव जैसे आयोजन उत्तर प्रदेश को पर्यटन मानचित्र पर प्रमुख स्थान दिलाने में सहायक सिद्ध हो रहा है, जिससे राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल रही है।
अलीगढ़ में बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ा घोटाला,520 शिक्षकों के जीपीएफ खातों से हुई 5 करोड़ रुपये की हेराफेरी
-दर्जन भर बीएसए समेत 61 अधिकारी और कर्मचारी शामिल, एफआईआर दर्ज
अलीगढ़ में बेसिक शिक्षा विभाग में बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें 10 वर्षों तक जीपीएफ यानि सामान्य भविष्य निधि के नाम पर करोड़ों रुपये का हेरफेर किया गया।इस घोटाले में 12 बेसिक शिक्षा अधिकारी समेत कुल 61 अधिकारियों और कर्मचारियों के शामिल होने की पुष्टि हुई है। शासन द्वारा कराई गई जांच में यह बड़ा घोटाला सामने आया, जिसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। मामला 2020 में तब सामने आया जब टप्पल के शिक्षक जगदीश प्रसाद के खाते में संदिग्ध लेन-देन देखा गया।उनके खाते में 35 बार में 34 लाख रुपये भेजे गए, जिससे अनियमितता का अंदेशा हुआ। जब इसकी गहराई से जांच हुई तो यह स्पष्ट हुआ कि एक शिक्षक नहीं बल्कि 520 शिक्षकों के जीपीएफ खातों से करोड़ों रुपये निकाले गए। जांच में अधिकारियों और पटल लिपिकों की संलिप्तता पाई गई। दो बाबुओं को बर्खास्त किया जा चुका है, जबकि अन्य पर सख्त कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है।घोटाले की अवधि 2003 से 2013 के बीच की मानी जा रही है। इस दौरान अलीगढ़ में 30 खंड शिक्षा अधिकारी तैनात रहे, जिनपर भी अनियमितताओं का संदेह है। कई अधिकारियों ने इस दौरान मनमाने तरीके से शिक्षकों के जीपीएफ खातों से धनराशि निकाली और निजी उपयोग में लगा दी।बीएसए दिनेश सिंह, पुष्पा सिंह, मोहम्मद अल्ताफ अंसारी, मनोज कुमार, डॉ. मुकेश कुमार, एसपी वर्मा, महेंद्र प्रताप सिंह, एसपी यादव, संजय शुक्ला, धीरेंद्र यादव, डॉ.लक्ष्मी पांडे सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में तत्कालीन बीएसए ने 12 बीएसए सहित तीन दर्जन से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों पर केस दर्ज कराया है। जांच में 520 शिक्षकों के जीपीएफ खातों से करीब 5 करोड़ रुपये की हेराफेरी होने की पुष्टि हुई है। यह राशि बढ़ भी सकती है क्योंकि जांच अभी भी जारी है। शासन की ओर से इस मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। कई जिलों में इस घोटाले की गूंज सुनाई दे रही है क्योंकि तत्कालीन कई बीएसए अब यूपी के अन्य बड़े पदों पर तैनात हैं।बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश कुमार ने कहा, यह बेहद गंभीर मामला है।सरकारी कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते से धन की चोरी करना गंभीर अपराध है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। दो बाबू बर्खास्त किए गए हैं, 12 बीएसए समेत 61 अधिकारियों और कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।अलीगढ़ के बन्ना देवी थाने में केस दर्ज किया गया।520 शिक्षकों के खातों की जांच जारी है। शासन ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं।जांच एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं।
लोगों को नहीं लगाने पड़ेंगे आरटीओ ऑफिस के चक्कर,सीएससी डिजिटल सेवा पोर्टल से उठाएं परिवहन सेवाओं का लाभ -दयाशंकर
-व्यवस्था भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि प्रदेश में स्थापित जनसेवा केन्द्रों,लोकवाणी केन्द्रों,जनसुविधा केन्द्रों,ई-सुविधा केन्द्रों के माध्यम से ई-डिस्ट्रिक्ट एप्लीकेशन द्वारा आमजनमानस को परिवहन विभाग की सेवाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग की ऑनलाइन सेवाओं को फेसलेस, पारदर्शी, त्वरित और अधिक सुगमता के साथ उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सीएससी डिजिटल सेवा पोर्टल का एपीआई एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इण्टरफेस एकीकरण करने तथा एसबीआई-एमओपीएस पेमेंट गेटवे को सीएससी वॉलेट के साथ जोड़ा गया है।परिवहन मंत्री ने बताया, आमजनमानस को सफल ट्रांजेक्शन पर प्रतिसेवा 30 रुपये का भुगतान सीएससी संचालक को करना होगा। डाक्यूमेन्ट स्कैनिंग,अपलोडिंग, प्रिंटिंग, फोटोकॉपी हेतु अलग से निर्धारित शुल्क देय होगा। इसके अलावा प्रति पेज स्कैनिंग अपलोडिंग हेतु 02 रुपये, प्रति पेज प्रिंटिंग हेतु 03 रुपये एवं प्रति पेज फोटोकॉपी हेतु 02 रुपये शुल्क देना होगा। प्रदेश सरकार का यह निर्णय जनहित में है। यह निर्णय व्यवस्था को भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल से राज्य की जनता को परिवहन विभाग द्वारा फेसलेस की गई सुविधाओं जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस सहित लर्नर लाइसेंस के लिए आवेदन, पता बदलना, नाम बदलना, फोटो और हस्ताक्षर बदलना, डुप्लीकेट लाइसेंस, डुप्लीकेट डीएल जैसी सुविधाएं आमजनमानस को सीएससी पर उपलब्ध होगी। परिवहन मंत्री ने बताया कि राज्य के डेढ़ लाख से अधिक सक्रिय कॉमन सर्विस सेंटर सीएससी विशेष रूप से ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में सरकार द्वारा दी जा रही बिभिन्न योजनाओं को आम जनमानस तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।यह एकीकरण आमजन को आरटीओ कार्यालयों के चक्कर लगाने से मुक्ति दिलाएगा और सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाएगा।
उद्यान मंत्री ने अन्तर्राष्ट्रीय आलू केन्द्र पेरू के महानिदेशक से की मुलाकात,आगरा के सींगना में स्थापित होगी अन्तर्राष्ट्रीय आलू केन्द्र पेरू की शाखा-दिनेश प्रताप
उत्तर प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार और कृषि निर्यात राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह ने गुरूवार को लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर अन्तर्राष्ट्रीय आलू केन्द्र पेरू के महानिदेशक डा. साइमन हैक से शिष्टाचार मुलाकात की। उन्होंने पेरू के महानिदेशक से उत्तर प्रदेश में आलू उत्पादन में नवाचार के लिए सहयोग देने एवं अन्तर्राष्ट्रीय आलू केन्द्र, पेरू की शाखा जनपद आगरा के राजकीय आलू प्रक्षेत्र सींगना में स्थापित किये जाने के लिए आभार जताया।उद्यान मंत्री ने श्री हैक को अवगत कराया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के किसानों को फसलों की आधुनिक तकनीको से जोड़ते हुए उनके उत्पादों को देश के साथ विदेशी बाजार तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर बनाने का संकल्प लिया है। इसमें आलू किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसको दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार आलू के भंडारण, सुरक्षा, निर्यात आदि में आलू उत्पादकों को सहायता प्रदान कर रही है। योगी सरकार में कृषि एवं बागवानी क्षेत्र में नवाचार एवं निवेश हेतु देश-विदेश के निवेशकों को भी आमंत्रित किया गया है। उत्तर प्रदेश आलू प्रधान क्षेत्र है। राज्य सरकार किसानों को उन्नत बीज एवं तकनीक का सहयोग देकर आलू के उत्पादन को और बढ़ाने के लिए हर संभव सहयोग प्रदान कर रही है ताकि आलू का निर्यात भी हो सके और प्रदेश सरकार को राजस्व भी प्राप्त हो। अन्तर्राष्ट्रीय आलू केन्द्र की शाखा की स्थापना से प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण के लिए उपयुक्त आलू किस्मों के जर्म प्लाज्म सहजतापूर्वक उपलब्ध हो सकेंगे, जिससे क्षेत्रीय उपयुक्तता के आधार पर नवीन प्रजातियों को विकसित करने में सहायता मिलेगी। अन्तर्राष्ट्रीय आलू केन्द्र की स्थापना से विविधतापूर्वक आलू प्रजातियों का उत्पादन सम्भव हो सकेगा। यह केन्द्र एपीकल रूटेड कटिंग द्वारा आलू बीज उत्पादन का कार्य कई देशों में सफलतापूर्वक करा रहा है और इसका लाभ प्रदेश के आलू उत्पादकों को प्राप्त होगा। विश्व में आलू उत्पादन में भारत का द्वितीय स्थान है। उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक आलू उत्पादक राज्य है। प्रदेश में वर्ष 2023-24 के आकड़ों के अनुसार 6.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में 243.60 लाख मीट्रिक टन आलू का उत्पादन हुआ, जो कि भारत में कुल उत्पादन का लगभग 35 प्रतिशत है। आलू उत्पादन का 40 प्रतिशत प्रदेश से बाहर अन्य प्रदेशों में विक्रय किया जाता है। आगरा, अलीगढ़ एवं कानपुर मण्डल प्रमुख आलू उत्पादक क्षेत्र है, जिसमें आगरा सबसे महत्वपूर्ण जनपद है, जिसमें 74 हजार हेक्टेयर में आलू का उत्पादन किया जाता है।इस अवसर पर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण बीएल मीणा अन्तर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान के निदेशक डा.सुंधाशु, अन्तर्राष्ट्रीय आलू उत्पादन केन्द्र पेरू रमन अब्रॉल, केन्द्रीय आलू अनुसंधान के निदेशक डॉ. बृजेश सिंह, आयुक्त उद्यान प्रभात कुमार, निदेशक उद्यान डॉ. विजय बहादुर द्विवेदी सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
गौरैया संरक्षण दिवस पर कांग्रेस दफ्तर में टांगे गये घोसले,परिस्थितिकी तंत्र में गौरैया का बड़ा योगदान
नन्हीं चिड़िया गौरैया की घटती आबादी को लेकर हर वर्ष 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने के पीछे यह मंशा है कि सभी लोग गौरैया की घटती संख्या के प्रति जागरूक हों और गौरैया संरक्षण अभियान में शामिल हों।इस मौके पर आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के प्रांगण में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने घोंसलें टंगवाकर कांग्रेस पार्टी की सामाजिक, मानवीय कार्यों की परंपरा को आगे बढ़ाया।श्री राय ने कहा कि अब पूरी गर्मी भर यह घोंसलें तो रहेंगें ही इसके साथ-साथ चिड़ियों के लिए दाना-पानी भी प्रतिदिन रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि गौरैया भले ही आकार में छोटी होती हैं मगर परिस्थितिकी तंत्र में उनका योगदान बड़ा होता है। जैसे वह छोटे-छोटे कीटों का खाकर जैविक संतुलन बनाये रखती हैं। यह फूलों और बीजों के जरिए जैव विविधता को बढ़ावा देती हैं। बढ़ताशहरीकरण, प्रदूषण और कीटनाशकों का बढ़ता उपयोग इनकी घटती संख्या के कारण हैं।श्री राय ने कहा कि हम सभी लोगों को अपने घरों पर घोंसले लगवाने चाहिए और इनके लिए पात्र रखकर पानी और दाने की व्यवस्था करनी चाहिए। हम सब की यह जिम्मेदारी है कि हम अपने निजी कार्यों के अतिरिक्त अपनी मानवीय और सामाजिक भूमिकाओं का निर्वहन करते रहें।
1857 की क्रांति की नायिका थी वीरांगना अवंतीबाई लोधी-अजय राय
स्वतंत्रता सग्राम की नायिका वीरांगना अवंतीबाई लोधी की पुण्यतिथि पर आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने अवंतीबाई के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया।इस मौके पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि अवंतीबाई 1857 की क्रांति की नायिका थी जिन्होंने अंग्रेजों से कई युद्ध लडे़। 1858 के युद्ध में जब अंग्रेजों ने वीरांगना अवंतीबाई को चारो ओर घेर लिया, तब वे आत्मसर्म्पण के बजाय वीरगति को प्राप्त हुई। वीरांगना अवंतीबाई को भारतीय महिलाओं की शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के चेयरमैन पूर्व मंत्री डॉ सीपी राय, पूर्व विधायक हरिचरण यादव, मीडिया विभाग के वाइस चेयरमैन मनीष श्रीवास्तव हिंदवी आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।