-निजीकरण की सारी प्रक्रिया तत्काल निरस्त करने की मांग
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REPORT BY:PREM SHARMA || EDITED BY:AAJ NATIONAL NEWS DESK
लखनऊ। बिजली के निजीकरण के विरोध के 120 वें दिन आज प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर बिजली कर्मियों ने विरोध सभा की। राजधानी लखनऊ इंद्रलोक हाइडल कॉलोनी और प्राग नारायण मार्ग पर स्थित हाइडिल कॉलोनी में बिजली कर्मियों के घरों में अवैधानिक ढंग से मीटर लगाकर रियायती बिजली की सुविधा समाप्त करने के विरोध में बिजली कर्मियों के साथ-साथ उनके परिवार जनों का गुस्सा फूट पड़ा। दोनों कालोनियों में सैकड़ो की तादाद में महिलाएं और बच्चे अपने घरों से बाहर आ गए और आक्रोशित होकर प्रदर्शन करने लगे। पूरे दिन राजधानी लखनऊ में बिजली कर्मी और उनके परिवार गुस्से में विरोध प्रदर्शन करते रहे।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी रिफॉर्म एक्ट 1999 और ट्रांसफर स्कीम 2000 के अंतर्गत बिजली कर्मियों को रियायती बिजली की सुविधा प्रदान की गई है। इसका गजट नोटिफिकेशन है। एकतरफा ढंग से मीटर लगाकर रियायती बिजली की सुविधा समाप्त करना निजीकरण की दिशा में एक कदम है। संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष मार्च के महीने में जब राजस्व वसूली का लगातार अभियान चल रहा है तब इस प्रकार की कार्यवाहियां करके अनावश्यक तौर पर औद्योगिक अशांति का वातावरण बना रहे हैं। संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि निजीकरण के लिए उतावले हो रहे पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष ने ऊर्जा निगमों में कार्य का वातावरण पूरी तरीके से नष्ट भ्रष्ट कर दिया है।संघर्ष समिति ने कहा कि ट्रांजैक्शन कंसलटेंट के चयन हेतु निविदा डालने वाली एक कंपनी ग्रांट थॉर्टन के एक कागज का कल खुलासा हुआ था जिसमें कंपनी ने कहा था कि वह उत्तर प्रदेश के एक विद्युत वितरण निगम में मीटर लगाने का काम कर रही है लेकिन उसके नाम का एग्रीमेंट के तहत खुलासा नहीं किया जा सकता। अब यह पता चला है कि यह कंपनी मध्यांचल विद्युत वितरण निगम में काम कर रही पोलारिस नाम की एक कंपनी के साथ मीटर लगाने का काम कर रही है। इस तरह बिल्कुल साफ हो गया है कि निजीकरण हेतु ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट नियुक्त करने की सारी प्रक्रिया में कॉन्फ्लिक्ट ऑफ़ इंटरेस्ट का उल्लंघन कर भारी भ्रष्टाचार चल रहा है। इससे और स्पष्ट हो जाता है कि निजीकरण की प्रक्रिया में कितना बड़ा भ्रष्टाचार होने वाला है।
आजमगढ़ और वाराणसी की जन जागरण सभा में बड़ी संख्या में बिजली कर्मी और अभियंता आए। संघर्ष समिति ने 29 मार्च को वाराणसी में बिजली महापंचायत करने का ऐलान किया है। वाराणसी की बिजली महा पंचायत में निजीकरण के विरोध में आंदोलन का शंखनाद राज किया जाएगा।आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, हरदुआगंज, पारीछा, ओबरा, पिपरी और अनपरा में विरोध सभा हुई।
मल्टी ईयर टैरिफ डिस्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन कानून एक अप्रैल से लागू,नए कानून में निजीकरण पर कोई बात नहीं
उपभोक्ता परिषद की काफी लंबी लड़ाई के बाद अंतत विद्युत नियामक आयोग मल्टी ईयर टैरिफ डिस्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन 2025 जो वर्ष 2024 से लेकर 2039 तक 5 सालों के लिए लागू रहेगा। अब इसी कानून के तहत आगे 5 सालों तक बिजली दरों का निर्धारण किया जाएगा। जिसमें वर्तमान वित्तीय वर्ष का भी बिजली दर शामिल है। संबंधी कानून विद्युत नियामक आयोग ने आज जारी कर दिया है। जारी करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार को अधिसूचना जारी करने के लिए भेज दिया है यह कानून 1 अप्रैल 2025 से पूरे प्रदेश में प्रभावित हो जाएगा।
उपभोक्ता परिषद की लंबी लड़ाई काम आई अंततः वर्तमान जारी किए गए अगले 5 वर्षों तक के लिए कानून में भविष्य के निजीकरण का मसौदा कानून से बाहर कर दिया गया है। अब कानून में भविष्य के निजीकरण का कोई प्रावधान नहीं होगा। इस पर काफी लंबी लड़ाई हुई और उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग के सामने प्रस्तावित कानून की धारा 45 में भविष्य के निजीकरण को हटाने के लिए काफी विधिक तथ्य रखे थे। अंततः उसकी जीत हुई। दूसरी ओर रात दिन के अलग बिजली दर पर भी विद्युत नियामक आयोग ने कानून में यह प्रावधान किया है कि पावर कॉरपोरेशन की तरफ से जब प्रस्ताव आएगा तब उसे आयोग देखेगा। गौरतलाब है कि भारत सरकार ने पहले ही रूल बनाकर पूरे देश में 1 अप्रैल 2025 से रात दिन का टैरिफ लागू करने के लिए कहा था। जिसका उपभोक्ता परिषद लगातार विरोध करते हुए कहा इससे गरीब जनता का सबसे ज्यादा नुकसान होगा। पावर कॉरपोरेशन विद्युत नियामक आयोग में यूपीएसएलडीसी की सुनवाई में पहले ही कह चुका है कि वर्ष 2027 -28 तक उसे लागू कर पाना मुश्किल है। पावर कारपोरेशन का मानना है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग जाने के बाद उसे 2 साल का समय डाटा एकत्र करने के लिए चाहिए। अंततः रात दिन का तैयारी भी अगले दो-तीन वर्षों तक अभी बिजली कंपनियों द्वारा प्रस्तावित करने की कोई योजना नहीं है आगे उपभोक्ता परिषद इस लड़ाई को खुद देखेगा। नया कानून जारी होते ही उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री अरविंद कुमार व सदस्य श्री संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर उनका आभार व्यक्त किया और कहा कुछ ऐसे कानून में बदलाव हुए हैं जिससे उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढ़ोतरी के रास्ते साफ़ होंगे लेकिन उसकी लड़ाई को उपभोक्ता परिषद आगे जारी रखेगा।
सफाई कर्मचारियों स्वास्थ्य शिविर में 100 से अधिक कर्मचारी लाभान्वित
पीएसआई इंडिया ने लखनऊ नगर निगम के सहयोग से सफाई कर्मचारियों के लिए विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। बालागंज वार्ड और लालजी टंडन वार्ड के पार्षदों ने इस शिविर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर लखनऊ नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग और एचसीएल फाउंडेशन की टीमें मौजूद रहीं। शिविर में नगर निगम जोन-6 के 100 से अधिक सफाई कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच अपोलो और सरकारी डॉक्टरों द्वारा की गई। जांच के आधार पर उन्हें आवश्यक दवाएं और टीकाकरण उपलब्ध कराया गया।
पीएसआई इंडिया के दिनेश कुमार पांडेय ने सफाई कर्मचारियों के योगदान की सराहना करते हुए सभी संबंधित संस्थाओं को धन्यवाद दिया। एचसीएल फाउंडेशन की इलाफ फातिमा अंसारी जी ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की उम्मीद जताई। लखनऊ नगर निगम के राम जीत पांडेय ने सफाई कर्मचारियों के लिए टीकाकरण के महत्व पर जोर दिया, वहीं लालजी टंडन वार्ड की पार्षद रोशनी रावत जी ने कर्मचारियों को स्वस्थ रहने के लिए नशे से दूर रहने की सलाह दी।
एक करोड़ की सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाया
नगर निगम लखनऊ द्वारा सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराने के अभियान के तहत आज ग्राम-पारा, तहसील-सदर में बड़ी कार्रवाई की गई। नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह के निर्देश पर अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव के नेतृत्व में गठित टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
नगर निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू की। प्रभारी अधिकारी संपत्ति संजय यादव और तहसीलदार नगर निगम अरविंद पांडेय, नायब तहसीलदार रत्नेश कुमार के निर्देशानुसार, राजस्व निरीक्षक अविनाश चंद्र तिवारी, लेखपाल अनुपम कुमार, अजीत तिवारी और राहुल यादव की टीम ने पुलिस बल और नगर निगम प्रवर्तन दल की सहायता से इस अभियान को सफलतापूर्वक संपन्न किया। कार्रवाई के दौरान, प्लाटिंग और अस्थायी बाउंड्रीवाल को हटाने के लिए श्रब्ठ मशीन का उपयोग किया गया। इस दौरान कुछ स्थानीय लोगों द्वारा विरोध करने की कोशिश की गई, लेकिन प्रशासन ने शांतिपूर्ण ढंग से कार्यवाही पूरी कर ली। इस कार्रवाई में 3000 वर्गफुट भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया, जिसकी बाजारू कीमत लगभग 01 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। नगर निगम के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भविष्य में भी इसी तरह की सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अवैध कब्जों से बचें और सरकारी भूमि को सुरक्षित रखने में सहयोग करें।
नगर निगम जलकल कर्मचारी संरक्षक बने शशि कुमार मिश्रा
नगर निगम एवं जलकल कर्मचारी संघ, लखनऊ की नई कार्यकारिणी की घोषणा कर दी गई है। जिसमें पूर्व अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा को प्रमुख संरक्षक और प्रदीप कुमार सिंह गुड्डू पूर्व संरक्षक और पूर्व संयुक्त सचिव मो. हनीफ को सहायक संरक्षक चुना गया। जबकि आर.पी. सिंह पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष को विधि सलाहकार चुना गया। यह जानकारी
अध्यक्ष आनन्द कुमार मिश्र, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतीश कुमार सिंह, उपाध्यक्ष गोमती त्रिवेदी, विभा यादव, हरि शंकर पाण्डे, चन्द्रमोहन, धीरेन्द्र विक्रम सिंह, सत्येन्द्र सैनी, विजय शंकर पाण्डे, अमरेन्द्र नाथ दीक्षित, महामंत्री सैय्यद कैसर रज़ा,कोषाध्यक्ष संतोष कुमार श्रीवास्तव, संगठन मंत्री संतोष कुमार अरूणा कुँवर जयसिंह, वरिष्ठ मंत्री मनोज कुमार वर्मा, मंत्री संजय श्रीवास्तव, विवेक अवस्थी, वृजेन्द्र नाथ श्रीवास्तव, अक्क्षत बंसल, संजय चन्द्रा चुने गए। इसके अलावा संयुक्त मंत्री कुलदीप चौधरी, पियूष कुमार श्रीवास्तव, सुशील कुमार, भीमसेन सिंह अमित, अवन्तिका, सुनीता भट्ट, दिग्विजय सिंह यादव,पंकज अवस्थी,प्रचार मंत्री अब्दुल रशीद,सम्प्रेक्षक अजय कुमार सिह, कार्यालय मंत्री अनिल कुमार शुक्ला को चुना गया है। चुनाव अधिकारी आर. पी. सिंह ने बताया कि सदस्य कार्यकारिणी विष्णुजी तिवारी, रचित शुक्ला, राजेन्द्र कुमार, विजय कुमार श्रीवास्तव, राशिद अकरम, आयुष पन्त, मो. अय्यूब, रमा शंकर यादव, मनोज पटेल, इंसिया आब्दी, अभिनव प्रताप शाही, सुधाकर मिश्र, श्रीमती संध्या आर्या, प्रमोद यादव, विजय कुमार, सतीश कुमार,श्रीमती अंकिता शुक्ला, वीरेन्द्र सिंह, श्रीमती कुसुमसरोज, तारकेश्वर पाण्डे, अमरीश अवस्थी, आशुतोष, अक्षय सिंह, संजय यादव, आशीष कुशवाहा चुने गए।
नवगठित 60 सदस्यीय संघ कार्यकारिणी का चुनाव अधिकारी द्वारा ,, की गयी घोषणा के अवसर पर संगठन के ,शशि कुमार मिश्र, प्रमुख संरक्षक,पूर्व अध्यक्ष द्वारा सभी निर्वाचित पदाधिकारियों,सदस्यों को माला-फूल पहनाकर स्वागत किया तथा कर्मचारियों एवं संगठन के अन्य सहयोगी संगठनों द्वारो ढोल-नगाणे के साथ नगर निगम मुख्यालय केे विभिन्न विभागों में जाकर अधिकारियों,कर्मचारियों से शिष्टाचार भंेट करते हुए संघ द्वारा कर्मचारी एवं संस्था हित में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का वचन लिया गया तथा नव निर्वाचित अध्यक्ष श्री आनन्द मिश्र द्वारा कर्मचारियों की समस्याओं के प्रति पूर्व अध्यक्ष के पदचिन्ह की भाँति सार्थक लड़ाई एवं उनके निदान कराये जाने का वचन दिया गया।
गृह कर बकाया पर फॉर्चूना इंडस्ट्रीज़ और आईआईएमएम कॉलेज सील
नगर निगम लखनऊ के जोन-4 ने गृह कर के बड़े बकायेदारों पर सख्त कार्रवाई करते हुए गुरुवार सुबह दो प्रमुख संस्थानों को सील कर दिया। इनमें सुल्तानपुर रोड स्थित फॉर्चूना इंडस्ट्रीज और हनिमेन चौराहे पर स्थित आईआईएलएम कॉलेज शामिल हैं।
नगर निगम के अनुसार, फॉर्चूना इंडस्ट्रीज़ पर 48 लाख रुपये का गृह कर बकाया था। बार-बार नोटिस भेजे जाने और भुगतान न करने के कारण गुरुवार सुबह निगम की टीम ने यह कार्रवाई की। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि बकाया कर जमा करने तक यह सील जारी रहेगी।नगर निगम जोन-4 की दूसरी बड़ी कार्रवाई हनीमेन चौराहे स्थित आईआईएलएम कॉलेज पर हुई। इस संस्थान पर 28 लाख रुपये का गृह कर बकाया था। कई बार नोटिस जारी करने के बावजूद भुगतान न होने पर नगर निगम की टीम ने कॉलेज को सील कर दिया।
नगर निगम लखनऊ के जोन-4 के अधिकारियों ने कहा कि बड़े बकायेदारों के खिलाफ यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। जिन संस्थानों ने गृह कर का भुगतान नहीं किया है, उन्हें जल्द से जल्द अपना बकाया चुकाने के निर्देश दिए गए हैं। अन्यथा उनके खिलाफ भी कठोर कदम उठाए जाएंगे। नगर निगम प्रशासन ने शहर के सभी गृह कर बकायेदारों से अपील की है कि वे समय पर अपना कर जमा करें, ताकि ऐसी कठोर कार्रवाई से बचा जा सके।